असमानता समाज का अभिशाप हे। सामाजिक असमानता ,आर्थिक असमानता ,राजनेतिक असमानता यह राष्ट्र के ऊपर ग्रहण हैं जिनसे देश कमजोर हो रहा हे । अवसरों की असमानता से प्रतिभा पलायन होता हे यह राष्ट्र की बड़ी क्षति हे। यह कैसी आजादी हे?यह हमारी गहन चिंता हे।जिसको हमने अपनी कृति सरयू धारा के माध्यम से रेखांकित किया हे।सर्व जन सुखाए और सर्व जन हिताय का वातावरण देश में बने ।राष्ट्र विकसित हो यह हमारा ध्येय है।