सवा इंच क्या होता हैं मियां? इतना ही होता होगा न मियां जितनी दूरी पर अज्जी चिचा कशीदाकारी करते हुए जगह छोड़ते होंगे ताकि एक पैटर्न तैयार किया जा सके. क्यू हैं कि नही? और सरकार ने एक पैटर्न तैयार करने के चलते कशीदाकारी करते हुए कपड़े में न जाने कितनी ही खामियां छोड़ दी होगी. इसका अंदाजा लगाना भी सवा इंच से दगा करना हैं.
सवा इंच प्यार’ नामक यह कहानी संग्रह प्रेम पर आधारित कहानियों का संग्रह हैं. इस किताब में दर्जनों प्रेम के इर्दगिर्द घूमती कहानियां हैं जो आपको प्रेम के नए और आधुनिक आयामों को समझने में मदद करेंगी. इस कहानी संग्रह में 'सेकुलर इश्क़’, ‘अस्सी घाट से शमशान घाट’ और ‘आंधी’ जैसी अन्य दर्जनों कहानियां पढ़ने को मिलेंगी जो आपको प्रेम, आकर्षण, मोह और रोमांच से भर देंगी.
कहानियां समाज का आईना होती हैं और इस आईने से समाज की वास्तविक तस्वीर दिखाई देती हैं. ऐसी ही कई कहानियों का संग्रहित रूप इस किताब में आपको पढ़ने के लिए मिलेगा.
इस कहानी संग्रह में जो पात्र हैं वह सामाजिक हैं यह पात्र आप और हम हैं और वह भी हैं जो आज हैं और कल एक कहानी बन जाएंगे. वर्तमान में हमारे समाज में प्रेम को लेकर जो एक जन साधारण अवधारणा हैं और उस अवधारणा को बनने में जो समाज की भूमिका हैं उसे बताते हुए इस कहानी संग्रह का निर्माण किया गया हैं.
‘सवा इंच प्यार’ कहानी संग्रह में कहानियों को काल्पनिकता की पृष्ठभूमि पर रखते हुए वर्तमान समय की प्रेम में अड़चनों को देखते और उसका मूल्यांकन करते हुए लिखा गया हैं. आशा करता हूँ आपको यह कहानी संग्रह बेहद पसंद आएगा.
विशेक
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में जन्मे विशेक वर्तमान समय में दिल्ली में रहते हैं.
विशेक दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ भीमराव अम्बेडकर महाविद्यालय में हिंदी पत्रकारिता में स्नातक डिग्री की पढ़ाई कर रहे हैं.
यह अखबारों और पत्रिकाओं में भी लेख और कहानियां लिख चुके हैं.
विशेक
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