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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palउत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में जन्में "विशेक गौर" वर्तमान में दिल्ली में रहते हैं। अपने पेन नेम विशेक से जाने जाते हैं। विशेक वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ भीमराव अम्बेडकर कॉलेज से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स कर रहे हैंRead More...
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में जन्में "विशेक गौर" वर्तमान में दिल्ली में रहते हैं। अपने पेन नेम विशेक से जाने जाते हैं।
विशेक वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ भीमराव अम्बेडकर कॉलेज से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स कर रहे हैं।
विशेक नियमित रूप से अखबारों में लिखते आए हैं और इनके लेख और कहानियां पत्रिकाओं में भी छप चुके हैं। अपने दैनिक जीवन में अन्य कार्यों के साथ साथ लेखनी को भी पूरी तवज्जों देते हैं तथा लप्रेक भी लिखते हैं।
विशेक
सम्पर्क:-
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vishekgour@gmail.com
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'गौरैया का शोकगीत' काव्य संग्रह में वर्णित काव्य रचनाएं मुख्यरूप से काव्य कला के मुक्तक स्वरूप में लिखीं गईं हैं। जो काव्य रचनाएं लय, राग और छंद की पारंपरिक मान्यताओं और अनिवार्
'गौरैया का शोकगीत' काव्य संग्रह में वर्णित काव्य रचनाएं मुख्यरूप से काव्य कला के मुक्तक स्वरूप में लिखीं गईं हैं। जो काव्य रचनाएं लय, राग और छंद की पारंपरिक मान्यताओं और अनिवार्यताओं से आगे बढ़कर मुक्त रूप से विचरण करती हैं। इस प्रकार गौरैया का शोकगीत काव्य संग्रह में उल्लेखित काव्य रचनाएं वाच्य में लयबद्ध, श्रव्य में रागयुक्त तथा तकनीकी रूप से छन्दबद्ध प्रतीत नहीं होंगी, लेकिन इसके विपरीत इस काव्य संग्रह में लिखिति काव्य रचनाएं जीवन, मनुष्य तथा प्रकृति से जुड़ी उन भावों, संवेदनाओं तथा व्यथाओं को मार्मिकता से महसूस करने की एक अंतर्दृष्टि देंगी जिन्हें अक्सर हम अनदेखा कर देते हैं। इसके साथ ही इस काव्य संग्रह में उल्लेखित काव्य रचनाओं को बेहद ही आसानी से पढ़ा जा सकता है, लेकिन काव्य रचनाओं में निहितार्थ को समझने हेतु दो पल ठहरकर विचार करने की आवश्यकता पाठकों को पड़ सकती है।
Unfolding Oneself is a poetry collection of 27 poems in which I described the incidental phases of neither mine nor someone else life besides this I described more ever the incidental phases of every human being. In this poetry collection I focused on true and essential essence of every human being's life. Such as sorrow, grief, loneliness, melancholy, bewilderment, solitude and true essence of love.
In this universe every creature inc
Unfolding Oneself is a poetry collection of 27 poems in which I described the incidental phases of neither mine nor someone else life besides this I described more ever the incidental phases of every human being. In this poetry collection I focused on true and essential essence of every human being's life. Such as sorrow, grief, loneliness, melancholy, bewilderment, solitude and true essence of love.
In this universe every creature including human being for them the highest achievement or goal absolutely without any hesitation is happiness. When we write poems truly we describe the life of oneself. In the process of writing poems we merely describe the oneself in the incidental manner.
विश्व प्रसिद्ध और इक्कीसवीं सदी में सर्वाधिक लोकप्रिय एवं पढ़े जाने वाले पारसी कवि जलालुद्दीन रूमी की कविताएं उनके जीवन की तीन प्रमुख स्थितियों को भावनात्मक रूप से रेखांकित औ
विश्व प्रसिद्ध और इक्कीसवीं सदी में सर्वाधिक लोकप्रिय एवं पढ़े जाने वाले पारसी कवि जलालुद्दीन रूमी की कविताएं उनके जीवन की तीन प्रमुख स्थितियों को भावनात्मक रूप से रेखांकित और उद्घाटित करती हैं। जिसके क्रम में रूमी का शम्स-ए-तबरेज़ी से मुलाकात, जुदाई और ईश्वर में एकात्म हो जाना शामिल है।
इस पुस्तक में रूमी के जीवन के उपरोक्त तीन महत्वपूर्ण परिस्थितियों से जुड़ी हुईं कविताओं को शामिल किया गया है। हालांकि इन कविताओं का रूमी के जीवन के क्रमानुसार क्रमिक रूप से क्रमबद्ध नहीं किया गया है। ऐसा इसलिए नहीं किया गया है क्योंकि कविताओं को एक पाठक किस मानसिक स्थिति से आत्मसात करता है यह महत्वपूर्ण होता है। इस स्थिति में यह मायने नहीं रखता है कि कविताओं का क्रम क्या है, बल्कि यह मायने रखता है कि कविताओं का भावनात्मक और व्यक्तिपरक प्रभाव कितना व्यापक और प्रभावशाली है।
इस पुस्तक में शामिल की गईं रूमी की कविताएं पाठक को एक ऐसे आलोक में लेकर जाएंगी जहां एक पाठक अपने भीतर छिपे हुए साहस, व्यक्तित्व, समग्रता, एकात्मकता, जीवन की जिजीविषा, उदासी का महत्व, प्रेम की सार्थकता, अनुग्रह और अनुकम्पा की मौलिकता और ईश्वर एवं स्वयं का एकात्म स्वरूप से रूबरू होगा। रूमी की यही समग्रता वर्तमान समय में भी इन्हें लोकप्रिय बनाये हुए है। जैसा कि रूमी स्वयं कहते भी हैं कि "तुम मात्र एक बूंद नहीं हो बल्कि एक बूंद में समग्र सागर हो।"
जर्मनी के महान दार्शनिक फ्रेडरिक नीत्शे ने अपने जीवनकाल में कविताओं की रचना भी की, लेकिन दुनिया में वह एक कवि के रूप में प्रसिद्ध नहीं हो पाए।
कविताएं वह माध्यम होती हैं, जिनम
जर्मनी के महान दार्शनिक फ्रेडरिक नीत्शे ने अपने जीवनकाल में कविताओं की रचना भी की, लेकिन दुनिया में वह एक कवि के रूप में प्रसिद्ध नहीं हो पाए।
कविताएं वह माध्यम होती हैं, जिनमें व्यक्ति अपनी परिस्थिति, मनोस्थिति, समग्रता एंव गुणों को भावों, अलंकारों एवं रसों के ज़रिए शब्दों के रूप में व्यक्त करता है। जिसकी वस्तुनिष्ठता तथ्यों, पूर्वाग्रहों, वंचनाओं और अवधारणाओं के आधार पर तय न होकर मार्मिकता, ह्रदयस्पर्शी, मर्मस्पर्शी, प्रेरित, अश्रुपूरित एवं उद्देलित करने के आधार पर किया जाता है।
नीत्शे की कविताओं में उनके जीवन के विभिन्न घटनाओं, दिनचर्या की उथलपुथल, एकांत का दुःख, खुदबखुद दुःख की गहन पीड़ा, व्यक्तिवाद की संकल्पना, पतझड़ की ऋतु, प्रेम की लालसा और प्रकृति का विषाक्त सौंदर्य मौजूद है।
इस कविता संग्रह में फ्रेडरिक नीत्शे की दुर्लभ कविताओं का हिंदी भाषा में अनुवाद किया गया है। ताकि लोग नीत्शे की कविताओं से रूबरू हो पाएं। वह कविताएं जो नीत्शे को भावना की दृष्टि से समझने में बेहद मददगार हैं। यह पुस्तक नीत्शे की दुर्लभ कविताओं का हिंदी भाषा में एकल एवं अनूठा संग्रह है।
विश्व के महान चिंतकों में शामिल खलील जिब्रान का जन्म माउंट लेबनान के बिशेरी (वर्तमान रिपब्लिक ऑफ लेबनान) नामक गाँव में 6 जनवरी, 1883 को हुआ। उनकी माँ का नाम कामिला रहामी था, जो एक पादर
विश्व के महान चिंतकों में शामिल खलील जिब्रान का जन्म माउंट लेबनान के बिशेरी (वर्तमान रिपब्लिक ऑफ लेबनान) नामक गाँव में 6 जनवरी, 1883 को हुआ। उनकी माँ का नाम कामिला रहामी था, जो एक पादरी की बेटी थीं। उनके पिता का नाम खलील था, जो स्थानीय सुल्तान के मुलाजिम थे। उनके जन्म के समय कामिला की उम्र 30 वर्ष थी। खलील जिब्रान उनके तीसरे पति की पहली संतान थे। उनके जन्म के बाद कामिला के दो कन्याएँ और उत्पन्न हुईं, सन् 1885 में मरियाना तथा सन् 1887 में सुलताना।
द मैडमैन, हिज पेरेबल्स एंड पोएम्स खलील जिब्रान द्वारा लिखी गई एक किताब है, जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका में अल्फ्रेड ए. नोफ द्वारा 1918 में प्रकाशित किया गया था, जिसमें लेखक द्वारा मूल चित्रों से पुन: प्रस्तुत किए गए चित्र हैं। यह जिब्रान की अंग्रेजी में प्रकाशित होने वाली पहली पुस्तक थी, जो जिब्रान के करियर के दूसरे चरण की शुरुआत भी थी।
मैड मैन पुस्तक का एक अंश
तुम मुझसे पूछते हो कि मैं पागल कैसे हो गया। यह इस प्रकार हुआ: एक दिन, कई देवताओं के जन्म से बहुत पहले, मैं गहरी नींद से उठा और पाया कि मेरे सभी मुखौटे चोरी हो गए थे, सात मुखौटों को मैंने सात जन्मों में बनाया और पहना था, - मैं चिल्लाते हुए भीड़-भाड़ वाली सड़कों से बिना नकाब के भागा , "चोर, चोर, शापित चोर।"
स्त्री-पुरुष मुझ पर हँसे और कुछ मेरे डर से अपने घरों की ओर भागे।
सवा इंच क्या होता हैं मियां? इतना ही होता होगा न मियां जितनी दूरी पर अज्जी चिचा कशीदाकारी करते हुए जगह छोड़ते होंगे ताकि एक पैटर्न तैयार किया जा सके. क्यू हैं कि नही? और सरकार ने एक पै
सवा इंच क्या होता हैं मियां? इतना ही होता होगा न मियां जितनी दूरी पर अज्जी चिचा कशीदाकारी करते हुए जगह छोड़ते होंगे ताकि एक पैटर्न तैयार किया जा सके. क्यू हैं कि नही? और सरकार ने एक पैटर्न तैयार करने के चलते कशीदाकारी करते हुए कपड़े में न जाने कितनी ही खामियां छोड़ दी होगी. इसका अंदाजा लगाना भी सवा इंच से दगा करना हैं. सवा इंच प्यार’ नामक यह कहानी संग्रह प्रेम पर आधारित कहानियों का संग्रह हैं. इस किताब में दर्जनों प्रेम के इर्दगिर्द घूमती कहानियां हैं जो आपको प्रेम के नए और आधुनिक आयामों को समझने में मदद करेंगी. इस कहानी संग्रह में 'सेकुलर इश्क़’, ‘अस्सी घाट से शमशान घाट’ और ‘आंधी’ जैसी अन्य दर्जनों कहानियां पढ़ने को मिलेंगी जो आपको प्रेम, आकर्षण, मोह और रोमांच से भर देंगी. कहानियां समाज का आईना होती हैं और इस आईने से समाज की वास्तविक तस्वीर दिखाई देती हैं. ऐसी ही कई कहानियों का संग्रहित रूप इस किताब में आपको पढ़ने के लिए मिलेगा. इस कहानी संग्रह में जो पात्र हैं वह सामाजिक हैं यह पात्र आप और हम हैं और वह भी हैं जो आज हैं और कल एक कहानी बन जाएंगे. वर्तमान में हमारे समाज में प्रेम को लेकर जो एक जन साधारण अवधारणा हैं और उस अवधारणा को बनने में जो समाज की भूमिका हैं उसे बताते हुए इस कहानी संग्रह का निर्माण किया गया हैं. ‘सवा इंच प्यार’ कहानी संग्रह में कहानियों को काल्पनिकता की पृष्ठभूमि पर रखते हुए वर्तमान समय की प्रेम में अड़चनों को देखते और उसका मूल्यांकन करते हुए लिखा गया हैं. आशा करता हूँ आपको यह कहानी संग्रह बेहद पसंद आएगा. विशेक
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