"शान-ए-हिन्द" इस पुस्तक के नाम में ही इसकी व्याख्या समाहित है। इस साल हम आज़ादी के 74 वें वर्ष में प्रवेश कर चुके हैं। हमारा देश विभिन्नताओं का देश है, फिर भी हमारे देश में अखंडता है। इस स्वतंत्रता दिवस पर "कला और कलम" टीम ने इस कविता संग्रह का संकलन किया है। जिसमें हमारे हिन्द देश यानि भारत देश की शान में देश के अलग-अलग भाग में रहने वाले लेखकों ने अपने-अपने अंदाज़ में कविताएँ प्रस्तुत की हैं। हमें गर्व है कि हमारी टीम ने अपने सह-लेखकों की मदद से अपने देश की विशेषताओं को उजागर करने का अवसर प्राप्त हुआ है। हमारे सह- लेखक आज की पीढ़ी से हैं जिन्होंने अपने अनुभवों से भारत देश की शान में यह कविताएँ लिखी हैं। आज के युवाओं की नई सोच उन्होंने हमारे देश से यहाँ की संस्कृति से क्या समझा और कैसे वो अपने देश के वीरों का जो हरपल हमारी रक्षा में तत्पर हैं उनके प्रति अपना आभार अपनी लेखनी के ज़रिये उन्होंने व्यक्त किया है। "कला और कलम" उनके विचारों को व्यक्त करने के लिए एक माध्यम बना है।