संपादक की कलम
विविधता में एकता भारत की पहचान है। काव्य श्रेयांजलि एक खूबसूरत माला है, जो हीरा, पन्ना, मोती, माणिक्य नवरत्न जैसे साहित्यकारों द्वारा पिरोई गई है।
सुधि पाठक गण नवरस पाएंगे।
निर्दोष भैया के साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष सहयोग करने वाले सभी साथियों का आभार।
आपकी दीदी
डॉ अर्चना श्रेया बैंगलोर
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