Share this book with your friends

some words of heart / “कुछ अल्फ़ाज़ दिल से” "Kuch Alphaz Dil Se"

Author Name: Shriya Pankaj Phukane | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

कुछ अल्फाज दिल से, अब क्या बोले लफ्ज तो एक ज़रिया है, अपने ख्यालों को अपने दिल के भीतर चल रहे हैं, सवालों को एक धागे में पिरोने का, कभी कविताओं के रूप मैं बाहर आता है, तो कभी बस शायराना अंदाज में,
कविता एक प्रतिबिंम हैं, हमारे भीतर के हर खयाल का, चाहे खुशी का हो या गम का, 
ये एक माध्यम है दिल की बातें बयाँ करने का,
ये किताब मेरे दिल में आये उन ख्यालों का प्रतीक है, जो सिर्फ मैंने नहीं कभी आप लोगों ने भी महसूस किए है। ये किताब उस प्रेमी और प्रेमिका का प्यार बयाँ करती है, उस सृष्टि प्रेमी शायर के अल्फाज बयाँ करती है, तो कभी बस मेरे अंदर बसी कविता को बाहर पुकारती है ।

Read More...

Ratings & Reviews

0 out of 5 ( ratings) | Write a review
Write your review for this book
Sorry we are currently not available in your region.

Also Available On

श्रिया पंकज फुकने

मेरा नाम श्रीया फुकणे है ।मैं पूणे में रहती हूँ ! मैं एक केमिकल इंजीनियर हूँ, मैं अभी नोकरी कर  रही हूँ। 
मेरी रूचि कविता के साथ संगीत में और चित्रकला में भी है ।
ना मैं कवितायें लिखती हूँ , यूँ ही कभी जब बैठती हूँ, मन में विचार आने लगते हैं, उन विचारों के सागर से,मन में इक हलचल होने लगती है , तभी अपने विचारों को,
शब्दों में पिरो लेती हूँ ! 
कविता लिखना मेरे मन को अभिव्यक्त होने  में सहाय्यता करता है, मेरी कोशिश रहेगी अपने विचारों के सागर में , लय ताल के समेत प्रस्तुत करने की जिसे साहित्य जगत मैं "कविता" कहते है |
कविता लिखना मेरे लिये ठिक वैसा ही हैं जैसे कोई इंसान अपने परम मित्र से अपने अंतर्मन की बात साझा करता हैं ! 
अधिकतर मैं ,जो दिल में होता हैं उसे पन्नो में लिखना पसंद करती हूँ !
" मत पूछना मुझसे मैं ये जज़्बात कहा से लाती हूं , कुछ बुनती हूं दर्द अपने , कुछ दूसरों के सुनाती हूं , कभी सुनहरे बचपन तो अभी अल्हड़ जवानी के शब्दों के जादू को स्याही से कागज पे बेखेरती हूँ , मत पूछना मुझसे मैं ये जज़्बात कहा से लाती हूँ ......!

Read More...

Achievements

+2 more
View All