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SUNDARVAN KI DURGA / सुंदरवन की दुर्गा

Author Name: RAM PRATAP SINGH | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

 “सुंदरवन की दुर्गा” एक स्त्री के जज्बे और संघर्ष की कहानी है जो सुंदरबन को बचाने के लिए जीवन भर संघर्ष करती है | कहानी की शुरुआत सुंदरवन से होती है जहाँ सत्तू अपनी दोस्त दुर्गा माझी के साथ सुंदरवन को बचाने के लिए दुस्साहसिक अभियान में निकलता है| कालांतर में उनकी दोस्ती प्यार में बदल जाती है| पर एक रात अचानक दुर्गा माझी लापता हो जाती है| इस गम को भुलाने के लिए सत्तू  देहरादून चला जाता है जहाँ उसकी मुलाकात विधवा स्त्री सावित्री से होती है| दोनो में प्यार हो जाता है और वे शादी कर लेते हैं| फिर उनकी बेटी दुर्गा सुंदरवन को बचाने का संघर्ष करती है... 

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राम प्रताप सिंह

राम प्रताप सिंह भारतीय सेना और सीमा सुरक्षा बल में अधिकारी थे| 36 वर्षों के सेवा काल में उन्हे भारत की सीमाओं में सेवा करने का मौका मिला| उन्होंने MA (English),LLM,PGDHR(Post Graduate Diploma in Human Rights), DLL&LW (Diploma in Labour Laws & Labour Welfare), Diploma in Cyber Laws, MDBA (Master Diploma in Business Administration) में मास्टर्स डिग्री व डिप्लोमा हासिल किया|सेवा से मुक्त होने के बाद वकालत का पेशा अपनाया| वर्तमान में वह लेखन के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं| “सुंदरवन की दुर्गा” उनका 35 वां उपन्यास है|

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