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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalMr Ram Pratap Singh was a soldier in Indian Army and Border Security Force where he served 36 years in different parts of India and its border. Besides that he holds Masters degree in English Literature, Human Rights, Law,Master Diploma in Businenss Administration, Labour Laws and Cyber Laws. Read More...
Mr Ram Pratap Singh was a soldier in Indian Army and Border Security Force where he served 36 years in different parts of India and its border. Besides that he holds Masters degree in English Literature, Human Rights, Law,Master Diploma in Businenss Administration, Labour Laws and Cyber Laws.
Read Less...Achievements
“जवान” एक आम सैनिक की संघर्ष गाथा है |इस कहानी का नायक रुद्र है जो गाँव से शहर पढ़ने के लिए आता है| इसी दौरान उसकी मुलाकात आराधना से होती है जो कि कॉलेज में उसकी सहपाठिका है| रुद्र
“जवान” एक आम सैनिक की संघर्ष गाथा है |इस कहानी का नायक रुद्र है जो गाँव से शहर पढ़ने के लिए आता है| इसी दौरान उसकी मुलाकात आराधना से होती है जो कि कॉलेज में उसकी सहपाठिका है| रुद्र का लक्ष्य सेना में सैनिक बनना है| वह तीसरे प्रयास में सेना में भर्ती हो जाता है पर उसके अंतर्मन में यह संघर्ष चलता है कि यदि वह एक सामान्य सैनिक ही रहा तो हो सकता है आराधना के माता पिता उसे अपना दामाद स्वीकार न करें| उसका दूसरा लक्ष्य सेना में अफसर बनना है ताकि वह आराधना से शादी कर सके |वह अथक प्रयास करता है और सेना में अफसर बन जाता है और उसकी शादी आराधना से हो जाती है| कालांतर में आराधना दुर्घटना का शिकार हो जाती है और अपाहिज हो जाती है| वह चाहती है कि रुद्र उसकी बहन सपना से शादी कर ले| क्या सपना की शादी रुद्र से हो पाएगी? जानने के लिए पढिए मेरा 34 वां उपन्यास “जवान”
शिवानी मूलरूप से स्वच्छंद विचारों वाली मनमौजी लड़की है पर उसके माता-पिता ने उसका विवाह उसकी इच्छा के विपरीत एक ऐसे निकम्मे और लालची पति से कर दी जिसने उसे हमेशा ही मानसिक और शार
शिवानी मूलरूप से स्वच्छंद विचारों वाली मनमौजी लड़की है पर उसके माता-पिता ने उसका विवाह उसकी इच्छा के विपरीत एक ऐसे निकम्मे और लालची पति से कर दी जिसने उसे हमेशा ही मानसिक और शारीरिक यंत्रणा दी| वह माता-पिता के दबाव और सामाजिक बंधन में बंध कर वैवाहिक जीवन के भंवर जाल में फंस कर डूबती उतराती रही| पारंपरिक विवाह ने उसके वैवाहिक जीवन में ऐसा भूचाल लाया कि उसके जीवन की दशा और दिशा ही बदल दी| पर उसने हार नहीं मानी और इस दूषित रिश्ते से जल्दी ही निकलने का फैसला किया| वह सच्चे जीवन साथी की तलाश के लिए संघर्ष करती रही| क्या शिवानी विवाह के दूषित रिश्ते से बाहर निकल पाई? क्या उसे मनचाहा जीवनसाथी मिला? आइए जानते हैं डॉक्टर शिवानी के जीवन की संघर्ष भरी कहानी|
कामयाबी के पीछे मत भागो अपितु काबिल बनो| जब आप काबिल होंगे तो कामयाबी आपके पीछे चलकर आएगी| सफलता जन्म सिद्ध अधिकार नही, कर्म सिद्ध अधिकार है| दो अक्षर का लक, ढाई अक्षर का भाग्य, तीन
कामयाबी के पीछे मत भागो अपितु काबिल बनो| जब आप काबिल होंगे तो कामयाबी आपके पीछे चलकर आएगी| सफलता जन्म सिद्ध अधिकार नही, कर्म सिद्ध अधिकार है| दो अक्षर का लक, ढाई अक्षर का भाग्य, तीन अक्षर का नसीब इन तीनों को बनाने वाला चार अक्षर की मेहनत है| मिट्टी देना प्रकृति का काम है मगर उसे मंगल कलश बनाना इंसान का काम है| कामयाबी का रास्ता लंबा और कठिनाइयों भरा होता है | कामयाबी पाने के लिए एक लंबी छलांग लगाकर नहीं बल्कि हर एक सीढ़ी को चढ़ना होता है| कामयाबी हाथों की लकीरों में नहीं माथे के पसीने में होती है| यह ऐसी ही कहानियों का कहानी संग्रह है |
नारी अस्तित्व संघर्ष की गाथा है| इस उपन्यास में महाभारत काल की द्रौपदी की ‘चीरहरण’ की घटना से लेकर अब तक नारी के साथ किये गए भेदभाव, अपमान और अत्याचारों की कहानियाँ हैं | उपन्य
नारी अस्तित्व संघर्ष की गाथा है| इस उपन्यास में महाभारत काल की द्रौपदी की ‘चीरहरण’ की घटना से लेकर अब तक नारी के साथ किये गए भेदभाव, अपमान और अत्याचारों की कहानियाँ हैं | उपन्यास के अंत में एक निःस्वार्थ प्यार की कहानी भी शामिल की गई हैं जो यह साबित करती है कि ‘प्यार सर्वोपरि’ है |ये कहानियाँ आप को सोचने पर मजबूर कर देंगी कि एक नारी पुरुष के अत्याचारों से कितना सतायी जाती है| यक्ष प्रश्न यही है कि क्या उसे बराबरी और सम्मान से जीने का हक नहीं है?
संघर्ष ही प्रत्येक प्राणी के जीवन का आधार है, अगर मैं संघर्ष को दो शब्दों में परिभाषित करूं तो व्यक्ति की सफलता और उसकी समझदारी संघर्ष की ही देन होती है। संघर्ष मनुष्य जीवन को
संघर्ष ही प्रत्येक प्राणी के जीवन का आधार है, अगर मैं संघर्ष को दो शब्दों में परिभाषित करूं तो व्यक्ति की सफलता और उसकी समझदारी संघर्ष की ही देन होती है। संघर्ष मनुष्य जीवन को निखारता है, सवाँरता है, और उन्हें तराश कर ऐसा बना देता है, जिसकी प्रशंसा हर कोई करते नहीं थकता| सही मायने में संघर्ष ही हमें जीवन जीने की कला सिखाता है।आज दुनिया में हर व्यक्ति सफल होना चाहता है | जो व्यक्ति अपने लक्ष्य पर पहुंचने के लिए अथक परिश्रम और संघर्ष करता है और हार नहीं मानता है वही असल मायने में जीवन जीने का मूल मंत्र सीख पाता है |सफलता पाने का सबसे बड़ा मूल मंत्र यही है, कि गिरकर संभलना और फिर से चलना सीखो सफलता तुम्हारा कदम चूमेगी | ऐसी ही कहानियों का संग्रह है 'संघर्ष'
कर्म हमारे जीवन के सुख और दुख का जिम्मेदार हैं। हम या तो कुछ गलत करते हैं, जिससे हम इस जीवन में दुखी होते हैं या हम कुछ अच्छा करते हैं और हमे इनका सुख मिलता है। हम अपने आसपास क
कर्म हमारे जीवन के सुख और दुख का जिम्मेदार हैं। हम या तो कुछ गलत करते हैं, जिससे हम इस जीवन में दुखी होते हैं या हम कुछ अच्छा करते हैं और हमे इनका सुख मिलता है। हम अपने आसपास की घटनाओं को कैसे स्वीकार करते हैं और कैसी प्रतिक्रिया करते हैं,सुख -दुख इस पर ही निर्भर करता है|जब कुछ गलत होता है, तो हम समझते है की हमरे द्वारा किया गया कोई कर्म सामने आया है, और जब बुरा होता है तब भी यही सोचते है। इससे पता चलता है की कर्म ही हमारे जीवन को आगे बढ़ाने मे मदद करता है। कर्म ही आखरी सच है, ओर यही आखरी सच हमे मान लेना चाहिए।
“देखो राम, मैं एक आवारा, स्वच्छंद और विद्रोही स्वभाव का युवक था| रही सही कसर मेरे शराबी और जुआरी दोस्तों की संगति ने पूरी कर दी थी| मैं ऐसी मानसिक अवस्था से गुजर रहा था कि मुझे नैत
“देखो राम, मैं एक आवारा, स्वच्छंद और विद्रोही स्वभाव का युवक था| रही सही कसर मेरे शराबी और जुआरी दोस्तों की संगति ने पूरी कर दी थी| मैं ऐसी मानसिक अवस्था से गुजर रहा था कि मुझे नैतिक, अनैतिक या सामाजिक प्रतिष्ठा का तनिक भी ख्याल नहीं आया| मेरे अंदर तो शैतान बैठा हुआ था| मैं उसके वशीभूत होकर ही यह सब कर रहा था| हर व्यक्ति के अंदर साधू और शैतान बैठा होता है| जो मन को वश में कर ले वो साधू और जो मन के वश में हो जाए वो शैतान| हर इंसान भोगी और योगी होता है| हर संत का एक अतीत होता है और हर पापी का भविष्य| मेरा भी अतीत है,मैं भी भोगी था अब योगी हूँ|” ऐसे ही एक युवक रुद्र की कहानी है –‘योगी’
इस कहानी संग्रह में आप पढ़ेंगे भारत के प्रथम परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा की कहानी जो सन 1947 में भारत-पाक युद्ध में श्रीनगर हवाई पट्टी की रक्षा हेतु शहीद हो गए, लांस नायक करम
इस कहानी संग्रह में आप पढ़ेंगे भारत के प्रथम परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा की कहानी जो सन 1947 में भारत-पाक युद्ध में श्रीनगर हवाई पट्टी की रक्षा हेतु शहीद हो गए, लांस नायक करम सिंह जिन्होंने पाकिस्तानी हमले को पाँच बार नाकाम किया, लेफ्टिनेंट राम राघोबा राणे जिन्होंने चलते हुए टैंक के नीचे लेटकर युद्ध क्षेत्र में बारूदी सुरंगें हटाकर भारतीय सेना के लिए लड़ाई का रास्ता बनाया, सी एच एम पीरू सिंह जिन्होंने तिथवाल की लड़ाई में अपने सभी साथी सैनिकों के मारे जाने के बाद भी अकेले लड़ते रहे और तिथवाल की पहाड़ी पर झण्डा फहराकर शहीद हो गए, , मेजर शैतान सिंह जिन्होंने रेजांगला की लड़ाई में चीनी सेना के दांत खट्टे कर दिए और करीब 1300 चीनी सैनिकों को मार गिराया, ऐसी ही बहादुरी और जोशपूर्ण कहानियों से भरा यह कहानी संग्रह “शौर्यगाथा-2” मेरा 26वां उपन्यास है|
इस कहानी संग्रह में आप पढ़ेंगे परमवीर चक्र विजेता हवलदार अब्दुल हमीद की कहानी जिसने पाकिस्तान के 8 टैंक बर्बाद कर दिए थे, कैप्टन बाना सिंह की कहानी जिसने सियाचिन में बर्फ से ढ
इस कहानी संग्रह में आप पढ़ेंगे परमवीर चक्र विजेता हवलदार अब्दुल हमीद की कहानी जिसने पाकिस्तान के 8 टैंक बर्बाद कर दिए थे, कैप्टन बाना सिंह की कहानी जिसने सियाचिन में बर्फ से ढँकी 21000 फुट ऊंची चोटी पर चढ़ाई करके पाकिस्तान से पोस्ट वापस ले लिया था ,लांस नायक अल्बर्ट एक्का की कहानी , सिपाही जसवंत सिंह की कहानी जिसने अकेले ही 300 चीनियों को मौत के घाट उतार दिया, कैप्टन विक्रम बतरा की कहानी जिसने ‘ऑपरेशन विजय’ में कारगिल की चोटियों को पाकिस्तानियों से छीन लिया था, कैप्टन मनोज पांडे की कहानी जिसने साक्षात्कार के दौरान कहा था “मैं परमवीर चक्र जीतने के लिए सेना में जाना चाहता हूँ” और उन्होंने कर दिखाया,सूबेदार मेजर योगेंद्र यादव की कहानी जो कारगिल युद्ध में 17 गोलियां लगने के बावजूद भी पाकिस्तानी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया , लेफ्टिनेंट अरुण खेतरपाल की कहानी जिन्होंने दुश्मन के 4 टैंक बर्बाद कर दिए और घायल होने के बावजूद भी रण क्षेत्र से वापस आने के लिए यह कहते हुए मना कर दिया| , सिपाही गुरतेज सिंह की कहानी जिसने निहत्थे ही चीनी सेना के 12 सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया, ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी की कहानी जिन्होंने 120 सिपाहियों के साथ 3000 सैनिकों से मुकाबला किया और दुश्मनों के 12 टैंक बर्बाद कर दिए, जनरल सगत सिंह राठौर की युद्ध नीति जिसने भारत-पाक युद्ध में 93000 पाकिस्तानी सैनिकों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया|
जुनून वो उद्दाम इच्छा है जो एक इंसान के सीने में सुसुप्त ज्वालामुखी की तरह अंदर ही अंदर आग सुलगाती रहती है, आग का दरिया बहता रहता है| जब ज्वाला धधकने लगती है तो धरती का सीना ची
जुनून वो उद्दाम इच्छा है जो एक इंसान के सीने में सुसुप्त ज्वालामुखी की तरह अंदर ही अंदर आग सुलगाती रहती है, आग का दरिया बहता रहता है| जब ज्वाला धधकने लगती है तो धरती का सीना चीरकर लपटें बाहर निकलने लगती हैं, लावा बह निकलता है| तभी लोगों को उसकी गर्मी और ताकत का एहसास होता है| यही जुनून है जो इंसान के सीने में धधकता है|
इस शब्द का प्रयोग अलग अलग संदर्भों में अलग अलग तरीके से किया जाता है| मैंने प्रेरणादायक कहानियों के माध्यम से यह कहने की कोशिश की है कि एक इंसान के लिए जुनून के मायने क्या हैं| इस दुनिया का पूरा इतिहास ही इंसानी जुनून का गवाह है | आदिम अवस्था से आधुनिक इंसान बनने की कहानी जुनून से भरी पड़ी है | इस कहानी संग्रह की हर एक कहानी प्रेरणादायक है| इन कहानियों के माध्यम से आप जान पाएंगे कि विपरीत हालातों में भी आप अपने अंदर के जुनून की आग को कैसे जलाए रखें......
“खुशी” की कहानी के माध्यम से खुशी के हर पहलुओं को समझाने की मैंने कोशिश की है| इस कहानी की नायिका “खुशी” है जो जीवन भर खुशी की तलाश करती है पर बचपन से ही उसे घोर कष्टों का सा
“खुशी” की कहानी के माध्यम से खुशी के हर पहलुओं को समझाने की मैंने कोशिश की है| इस कहानी की नायिका “खुशी” है जो जीवन भर खुशी की तलाश करती है पर बचपन से ही उसे घोर कष्टों का सामना करना पड़ता, उसके जीवन में संघर्ष ही संघर्ष है, निराशा ही निराशा है| वह फिर भी हार नहीं मानती| वह हमेशा प्रयत्नशील रहती है इस उम्मीद से कि उसे खुशी मिलेगी पर उसे खुशी नहीं मिलती| जब उसने खुश होकर खुशी की तलाश की तो उसे खुशी भी मिलने लगी और “आनंद” भी| शायद यही हर एक के जीवन की सच्चाई है| यदि इस कहानी को पढ़कर आपको जरा भी खुशी मिली तो मैं समझूँगा कि मेरा प्रयास सफल रहा क्योंकि ऐसी कहानियाँ लिखने में मुझे “खुशी” मिलती है | अब आप खुद निर्णय करें कि आपको खुशी कैसे मिलेगी|
धर्म के बारे में हमें बहुत जिज्ञासा रहती है परन्तु उसकी वास्तविकता जानने की बजाय हम उसे मानते चले जाते हैं या फिर उसकी आलोचना करने लग जाते हैं | इसकी वजह है- धार्मिक शिक्षा का अभाव
धर्म के बारे में हमें बहुत जिज्ञासा रहती है परन्तु उसकी वास्तविकता जानने की बजाय हम उसे मानते चले जाते हैं या फिर उसकी आलोचना करने लग जाते हैं | इसकी वजह है- धार्मिक शिक्षा का अभाव| इस पुस्तक के जरिये मैंने धर्म के बारे में सामान्य जानकारी देने का प्रयास किया है | इसमें शामिल है – धर्म क्या है, ईश्वर क्या है, भगवान क्या है ,ब्रह्माण्ड क्या है ,जीव क्या है, प्रकृति क्या है, आत्मा क्या है ,ब्रह्म क्या है , ब्रह्मचारी और योग क्या है, ध्यान; समाधि व मृत्यु क्या है,नास्तिक और अनास्तिक कौन है,मानव का धर्म से क्या सम्बन्ध है,क्या शिक्षा और संस्कार धर्म का हिस्सा हैं,गुरुकुल क्या है, मंदिर और मूर्ति पूजा का क्या महत्व है, प्रकृति पूजा क्या है,वेद;पुराण; रामायण;महाभारत और भगवतगीता का हमारे जीवन में क्या उपयोगिता है| इन्ही सब प्रश्नों का उत्तर देने के लिए मैंने लिखा है-धर्मचक्र| धर्मचक्र धर्म का प्रतीक चिह्न है|
यह उपन्यास एक कहानी संग्रह है |इसमें आप पायेंगे एक बेरोजगार युवक रोजगार की तलास में मुम्बई में भटकता फिरता है और फिर हालातों ने उसे ‘जिगोलो’ अर्थात पुरुष वेश्या बना
यह उपन्यास एक कहानी संग्रह है |इसमें आप पायेंगे एक बेरोजगार युवक रोजगार की तलास में मुम्बई में भटकता फिरता है और फिर हालातों ने उसे ‘जिगोलो’ अर्थात पुरुष वेश्या बना दिया, एक दलाल ने गरीब लडकी को काम का वादा देकर दिल्ली ले गया और उसे ‘जी बी रोड’ के वेश्यालय में बेच दिया, , पंजाब के नवयुवक और नवयुवतियां ‘कनाडा जाने के ख्वाब’ में अपना जीवन और सम्पत्ती बर्बाद कर रहे हैं और अपने ही प्रियजनों के द्वारा ठगे जाते हैं,भारत में धर्म के नाम पर ‘धर्मांध मुस्लिम’ हिन्दुओं की गला काट कर ह्त्या कर रहे हैं, ‘नक्सलवाद’ के नाम पर गरीब आदिवासियों की जिन्दगी नरक बन गयी है; सन 2008 में ‘26/11’ के हमले में 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 160 निर्दोष लोगों की ह्त्या कर दी और 300 लोगों को घायल कर दिया, ‘ट्रांसजेंडर’ या ‘गे’ पैदा होना क्या किसी व्यक्ति के अपने वश में हैं? नहीं ना ; फिर उन्हें हेय दृष्टि से देखना कहाँ तक उचित है? अपने परिवार के लोग ही किसी की सम्पति हड़पने के लिए उसे ‘मृतक’ घोषित कर देते हैं और अपने आप को ज़िंदा साबित करने के लिए एक उम्र बीत जाती है | क्या यही प्रशासन और न्याय व्यवस्था है?
यह उपन्यास ऐसी ही कहानियों का संग्रह है जिसके पात्रों को किसी न किसी रूप में मैंने अपने जीवन में देखा है, उनके बारे में सुना है और पढ़ा है|इसकी कहानियां आपको रोमांचित कर देंगी मैं चाहता हूँ कि आप भी रूबरू हों और एक अच्छे इंसान होने के नाते उस दर्द को महसूस करें जिसका नाम मानवता है |
नारी-अस्मिता भारत की उन नारियों की कहानी है जिन्हे अपने जीवन में घोर विपत्तियों का सामना करना पड़ा | जीवन के पथ में वो हर कदम पर संघर्ष करती रहीं |विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भ
नारी-अस्मिता भारत की उन नारियों की कहानी है जिन्हे अपने जीवन में घोर विपत्तियों का सामना करना पड़ा | जीवन के पथ में वो हर कदम पर संघर्ष करती रहीं |विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी उन्होंने अपना हौसला कम नहीं होने दिया | वो अपने जीवन और अस्मिता के लिए जद्दोजहद करती रहीं | परिवार से ,समाज से, उन्हे घोर उपेक्षा और प्रताड़ना सहने को मिली |मजबूर होकर उन्हे अपराध की बदनाम जिंदगी को अपनाना पड़ा |कुछ तो उस दलदल से निकलकर समाज में अपनी अस्मिता कायम करने में सफल रहीं पर कुछ आज भी संघर्ष कर रही हैं | यह एक इंसानी जज्बे की प्रेरणादायक कहानी है |
“अपराधचक्र” का अर्थ है – देश के नियम और कानून के विपरीत कार्य करते हुए ऐसे भंवरजाल में फंस जाना जिसकी परिणति आर्थिक,मानसिक,शारीरिक और सामाजिक क्षति होती है |अपराधी को अंततः
“अपराधचक्र” का अर्थ है – देश के नियम और कानून के विपरीत कार्य करते हुए ऐसे भंवरजाल में फंस जाना जिसकी परिणति आर्थिक,मानसिक,शारीरिक और सामाजिक क्षति होती है |अपराधी को अंततः अपने गुनाहों की सजा देश के कानून के तहत भुगतनी पड़ती है | इसके बावजूद भी इंसान अपराध करने से बाज नहीं आता है |
वैसे तो इस विषय का दायरा बहुत व्यापक है पर हम यहाँ सिर्फ एक उदाहरण के तौर पर उन सत्तासीन नेताओं, अधिकारियों और कर्मचारियों का उदाहरण ले सकते हैं जो सत्ता प्राप्त होते ही सत्ता का दुरुपयोग करते हुए भ्रष्ट आचरण में लिप्त हो जाते हैं और तब शुरू होता है भ्रष्टाचार का अपराधचक्र |यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें अपराधी एक बार फंस जाए तो उस दलदल से निकल पाना मुश्किल हो जाता है और वह धँसता ही चला जाता है | अंततः इसकी परिणति अपराधी को एक कष्टसाध्य न्यायिक प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है और घोर मानसिक, शारीरिक, आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है | साथ ही सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल हो जाती है और पारिवारिक जीवन तहस नहस हो जाता है | “अपराधचक्र” ऐसी ही कहानियों का संग्रह है जो हमें जीवन में आपराधिक कृत्यों से बचने की सीख देता है |पढिए यह शानदार कहानी संग्रह – “अपराधचक्र”
अग्निपथ का अर्थ है कठिनाइयों से भरा हुआ मार्ग | यह एक ऐसा ही कहानी संग्रह है जिसके पात्रों को जीवन में घोर संघर्ष और कठिनाइयों का सामना करना पड़ा | इस कहानी संग्रह में एक सामान्य सै
अग्निपथ का अर्थ है कठिनाइयों से भरा हुआ मार्ग | यह एक ऐसा ही कहानी संग्रह है जिसके पात्रों को जीवन में घोर संघर्ष और कठिनाइयों का सामना करना पड़ा | इस कहानी संग्रह में एक सामान्य सैनिक से लेकर सैन्य अधिकारियों के संघर्ष की कहानी है | वहीं दूसरी ओर आम युवक और युवतियों की भी कहानी है जिन्होंने अपनी मेहनत से किस्मत बदल दी और समाज की तरक्की में महत्वपूर्ण योगदान दिया | हर एक कहानी अपने आप में अनोखी है | हर एक पात्र अपने लक्ष्य के लिए जी जान से प्रयत्न करता है | उसकी जद्दोजहद ,उसकी जिजीविषा,उसके संघर्ष भरे रास्ते और उनसे जूझने की उद्दाम इच्छा किसी के लिए भी प्रेरणास्रोत बन सकती हैं | उदाहरण के लिए इसमें एक ऐसे युवा आई पी एस की भी कहानी शामिल है जो नौवीं और दसवीं की परीक्षा तृतीय श्रेणी से उत्तीर्ण की ,12 वीं की परीक्षा में फेल हुआ ,उसकी प्रेमिका ने उसे छोड़ दिया , उसने एक चपरासी की नौकरी की,ऑटो रिक्शा चलाया ,आजीविका के लिए कुत्ते घुमाने का भी काम किया पर हौसला नहीं छोड़ा और अंततः एक आई पी एस अधिकारी बन गया |
रॉकेट लक्ष्मी एक ऐसी ही लड़की की कहानी है जिसे बचपन से ही ऐसी शिक्षा और संस्कार दिए गए कि वह कुंठित होकर रह गई | उसके पिता ने उसकी प्रतिभा को नहीं पहचाना और अपने पागलपन से भरी शिक्
रॉकेट लक्ष्मी एक ऐसी ही लड़की की कहानी है जिसे बचपन से ही ऐसी शिक्षा और संस्कार दिए गए कि वह कुंठित होकर रह गई | उसके पिता ने उसकी प्रतिभा को नहीं पहचाना और अपने पागलपन से भरी शिक्षा और संस्कार उस पर जबरन थोपते रहे | लक्ष्मी की माँ भी एक कुंठित महिला थी जो पति के अत्याचारों का शिकार बनी पर समाज की झूठी मान मर्यादा का लबादा ओढ़ कर पत्नी धर्म निभाती रही और मन ही मन घुटती रही | उसने उन्ही कुसंस्कारों के बीज अपनी बेटी के दिलों-दिमाग में भी बो दिए |उसने अपने बेटी को गृहस्थ जीवन के ऐसे गुर सिखाए कि बेटी ससुराल जाते ही उन्हे पति और सास ससुर पर आजमाने लगी | नतीजा दोनों परिवारों के संबंधों में कड़ुआहट, विवाद और उसका पारिवारिक जीवन तहस नहस हो गया | उसने अपने साथ साथ अपनी बेटी और पति का जीवन भी बर्बाद कर दिया |क्या ऐसी लड़कियों का जीवन सुखमय और शांतिमय हो पाएगा ? rps1959@gmail.com Mobile No 91-7000153809.
नारी-महिमा विश्व की उन महान नारियों की कहानी है जिन्हे अपने जीवन में घोर विपत्तियों का सामना करना पड़ा | जीवन के पथ में वो हर कदम पर संघर्ष करती रहीं |विपरीत परिस्थितियों के बा
नारी-महिमा विश्व की उन महान नारियों की कहानी है जिन्हे अपने जीवन में घोर विपत्तियों का सामना करना पड़ा | जीवन के पथ में वो हर कदम पर संघर्ष करती रहीं |विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी उन्होंने अपना हौसला कम नहीं होने दिया | परिवार से ,समाज से उन्हे घोर उपेक्षा और प्रताड़ना सहने को मिली पर वो अपने निर्धारित लक्ष्य से विचलित नहीं हुईं| उन्हे अपने आप को साबित करने के लिए अपने प्राणों तक का उत्सर्ग भी करना पड़ा पर वे पीछे नहीं हटीं | वो अपने जुनून को पागलपन की हद तक ले गईं और अंतत: अपने लक्ष्य को हासिल कर लिया | उनकी यही उद्दाम इच्छा और सतत प्रयास ने उन्हे इतनी ऊंचाई तक पहुंचाया की वो आज देश और दुनिया के इंसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन गई | पढिए इन महान नारियों की संघर्ष गाथा – नारी-महिमा|
नारी-शक्ति भारत की उन महान नारियों की कहानी है जिन्हे अपने जीवन में घोर विपत्तियों का सामना करना पड़ा | जीवन के पथ में वो हर कदम पर संघर्ष करती रहीं |विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भ
नारी-शक्ति भारत की उन महान नारियों की कहानी है जिन्हे अपने जीवन में घोर विपत्तियों का सामना करना पड़ा | जीवन के पथ में वो हर कदम पर संघर्ष करती रहीं |विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भी उन्होंने अपना हौसला कम नहीं होने दिया | परिवार से ,समाज से, यहाँ तक कि प्रकृति से उन्हे घोर उपेक्षा और प्रताड़ना सहने को मिली पर वो अपने निर्धारित लक्ष्य से विचलित नहीं हुईं | उन्हे अपने आप को साबित करने के लिए अपने प्राणों तक का उत्सर्ग भी करना पड़ा पर वे पीछे नहीं हटीं | वो अपने जुनून को पागलपन की हद तक ले गईं और अंतत: अपने लक्ष्य को हासिल कर लिया | उनकी यही उद्दाम इच्छा और सतत प्रयास ने उन्हे इतनी ऊंचाई तक पहुंचाया की वो आज देश और दुनिया के इंसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन गई | पढिए इन महान नारियों की संघर्ष गाथा – नारी-शक्ति |
“जीवन संघर्ष “ एक आम इंसान के संघर्ष की कहानी है | जी हाँ , ये मेरी कहानी है | मेरे 63 वर्ष की जिंदगी का लेखा जोखा है जिसे मैंने शब्दों में पिरोया है | इस आत्म कथा को लिखने में मैंने
“जीवन संघर्ष “ एक आम इंसान के संघर्ष की कहानी है | जी हाँ , ये मेरी कहानी है | मेरे 63 वर्ष की जिंदगी का लेखा जोखा है जिसे मैंने शब्दों में पिरोया है | इस आत्म कथा को लिखने में मैंने पूरी ईमानदारी बरती है | JIVAN KE YOUWANPAR इस रचना का उद्येश्य सिर्फ इतना है की आप पढें और आनंद उठायें | हो सकता है मेरा जीवन संघर्ष आपको कोई प्रेरणा दे | इंसान इस जीवन में बहुत कुछ सीखता है | एक स्वयं के अनुभव से और दूसरा दूसरों के अनुभव से | स्वयं के अनुभव से सीखने के लिए एक जिंदगी कम है | यही वजह है की इंसान दूसरों के अनुभव से सीखता है | यह मेरे जीवन के अनुभव की कहानी है |
अपने जीवन के यौवन काल में जो लक्ष्य निर्धारित किये थे उन पर चलता रहा |मैं संकल्पशील था | या यूं कहें की मैं हठी था | गाँव की घोर गरीबी ,अभाव, कुंठा ,हीनता, और अपने चाचा के अत्याचार को सहते हुए भी मैंने अपने जीवन की दशा और दिशा खुद तय की | मैं कोई महान व्यक्ति नहीं बल्कि एक आम इंसान हूँ जिसके अंदर मानवीय कमियाँ है | पर इन कमियों के बावजूद भी मैंने अपने परिवार और देश के प्रति कर्तव्यों का निर्वहन किया और अपने जीवन को निरंतर प्रगतिशील और खुशहाल बनाया |
मैं सोचने को मजबूर हो गया | हम इंसान तो अच्छे से अच्छे दोस्तों को भी एक लंबे अंतराल के बाद भुला देते हैं और फिर बहाना करते हैं कि जीवन की व्यस्तता में समय ही नहीं मिला | मैं समझता हूँ
मैं सोचने को मजबूर हो गया | हम इंसान तो अच्छे से अच्छे दोस्तों को भी एक लंबे अंतराल के बाद भुला देते हैं और फिर बहाना करते हैं कि जीवन की व्यस्तता में समय ही नहीं मिला | मैं समझता हूँ कि इसका कारण हमारी बुद्धि है जो हमें सच को छुपाना ,झूठ बोलना ,और झूठ को सच साबित करने के लिए भांति भांति के उपाय करना सिखाती है |समय के साथ साथ दोस्त और रिश्ते नाते बदलते रहते हैं | हमारा व्यवहार हमारी जरूरतों के अनुसार बदलता रहता है | निश्छल प्यार तो हम कर ही नहीं पाते परंतु कुत्तों के साथ ऐसा नहीं है | वो जिसे प्यार करते हैं ,दिल खोल कर करते हैं और उसकी अभिव्यक्ति भी करते हैं | यही वजह है कि डैनी दिल खोलकर अपने प्यार की अभिव्यक्ति करता था ........डैनी मेरे परिवार के साथ करीब आठ साल रहा | मैं अपनी सेना की ड्यूटी पर देश की रक्षा में तैनात था और वो मेरे परिवार की रक्षा में | एक दिन मुझे चिट्ठी मिली कि डैनी अब नहीं रहा ........| उसे पड़ोसन महिला ने खाने में उसे जहर मिला कर दे दिया | यह संदेश पढ़कर मुझे असीम पीड़ा हुई | मेरा एक प्यारा वफादार दोस्त अब इस दुनिया से जा चुका था .......
इस उपन्यास में प्रेम-विवाह के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए गंभीरता से विश्लेषण किया गया है | उन सभी तथ्यों पर प्रकाश डाला गया है जो प्रेम विवाह में सहायक होते हैं |इस
इस उपन्यास में प्रेम-विवाह के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए गंभीरता से विश्लेषण किया गया है | उन सभी तथ्यों पर प्रकाश डाला गया है जो प्रेम विवाह में सहायक होते हैं |इसके अलावा उन दुष्परिणामों पर भी ध्यान आकर्षित किया गया है जो प्रेम विवाह से पैदा होते हैं | किशोरावस्था व युवास्था में मनुष्य के शरीर में होने वाले शारीरिक और मानसिक बदलाव का मनोवैज्ञानिक तरीके से विश्लेषण किया गया है |
मुस्लिम युवकों द्वारा हिन्दू लड़कियों को अपने प्रेम जाल में फँसाने वाले “लव जिहाद “ का बखूबी वर्णन है| लव जिहाद के कारण ,परिणाम और बचने के तौर तरीकों पर भी प्रकाश डाला गया है | दार्शनिक और सामाजिक दृष्टिकोण को भी दर्शाया गया है |
इस उपन्यास में तीन कहानियों के पात्रों के माध्यम से किशोर युवक और युवतियों के जीवन में आने वाली चुनौतियों ,उनसे रूबरू होने के तरीकों ,उनके साहस , लक्ष्य हासिल करने की जिद, जीवन के उतार-चढ़ाव , मानवीय संवेदनाओं , प्रेम व रोमांच का सजीव चित्रण किया गया है यह भारत के आम युवक युवतियों की कहानी है जो जीवन की राहों मे भटक जाते हैं और, आशा , निराशा , प्रेम और संघर्ष से जूझते रहते हैं | | यह उपन्यास अभिभावकों और युवक युवतियों के लिए प्रेरणा स्रोत है | लेखक से पत्र व्यवहार का पता –Email : rps1959@gmail.com Mobile No 91-7000153809.
परिवार को चलाने में पति-पत्नी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है | संयुक्त परिवार का टूटना अवश्यंभावी है| इस सत्य को पहचान कर सबसे पहले अपनी पत्नी और संतान की देखभाल सही तरीके से करना च
परिवार को चलाने में पति-पत्नी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है | संयुक्त परिवार का टूटना अवश्यंभावी है| इस सत्य को पहचान कर सबसे पहले अपनी पत्नी और संतान की देखभाल सही तरीके से करना चाहिए | अपनी संतान को उचित शिक्षा और संस्कार देना चाहिए |तत्पश्चात माता-पिता का सहारा बनना चाहिए | भाई बहनों को सहयोग अवश्य करना चाहिए पर उनकी परवरिश की जिम्मेदारी माता -पिता की होती है न कि किसी अन्य सदस्य की | यदि कोई भी व्यक्ति हमारे जीवन को सवाँरने में योगदान देता है तो उसका एहसान हमें जरूर चुकाना चाहिए | वरना एहसान फ़रामोशी भी इंसान को स्वार्थी और एकाकी बना देती है | जो सुख देने में है वह लेने में नहीं |साथ ही किसी दूसरे का भला करते समय हमे प्रतिदान की आशा भी नहीं करनी चाहिए वरना यही हमारे दु:ख का कारण बनता है |
मुझे याद आ रहा है आठ साल पहले का वो मंजर जब मैं और मेरे साथी नक्सलवादियों के चक्रव्यूह से सुरक्षित बच निकलने में कामयाब हो गए थे | न जाने कितने निर्दोष लोगों की हत्या, लूटपाट औ
मुझे याद आ रहा है आठ साल पहले का वो मंजर जब मैं और मेरे साथी नक्सलवादियों के चक्रव्यूह से सुरक्षित बच निकलने में कामयाब हो गए थे | न जाने कितने निर्दोष लोगों की हत्या, लूटपाट और आगजनी मैंने अपनी आँखों से देखा था......बस्तर की हरी भरी वादियों में मौत का तांडव देखा था....नक्सलवादियों के बंदूकों से निकली हुई गोलियों से इस धरती को लाल होते हुए देखा था ...... वो पीड़ा आज भी मेरे दिल में एक शूल की तरह चुभती है क्योंकि मैंने खोया है अपनों को ........मेरे .पैदा होने के बाद ही मेरे माता-पिता को गोलियों से भून दिया गया .... मेरे भाई को बम्ब से उड़ा दिया गया .....मेरे प्यारे महात्मा जैसे दादू को अकारण ही नक्सलवादियों की गोली का शिकार होना पड़ा पर मैं उनके लिए कुछ न कर सका .....दादू ने ही मुझे चक्रव्यूह से निकलने की शिक्षा दी थी तभी मैं उन सपनों को पूरा कर पाया जो बचपन में उन्होंने मुझे दिखाए थे |उनकी याद आते ही आँखें भर आती हैं | अगर हम नक्सल चक्रव्यूह से न निकले होते तो हम भी भारत देश के उन हजारों युवाओं की तरह नक्सलवाद की वेदी में स्वाहा हो जाते, न ही हमारा कोई वर्तमान होता और न ही कोई भविष्य |
देवी की वैवाहिक जिंदगी के 35 साल यातनाओं से भरी लंबी दास्तान है | बड़ी बेटी ने शादी से इनकार कर दिया , छोटी बेटी की शादी एक साल बाद ही टूट गई और वह घर आकर बैठ गई , वहीं बेटा ड्रग्स का आदी ह
देवी की वैवाहिक जिंदगी के 35 साल यातनाओं से भरी लंबी दास्तान है | बड़ी बेटी ने शादी से इनकार कर दिया , छोटी बेटी की शादी एक साल बाद ही टूट गई और वह घर आकर बैठ गई , वहीं बेटा ड्रग्स का आदी हो गया | इन सब का जिम्मेदार उसका पति दुर्जन था | देवी को लगता था इस बर्बादी की जिम्मेदार वह भी है | यदि वो इस गंवार इंसान से शादी करने की जल्दी न करती तो शायद ये दिन देखने न पड़ते | पर वो करती भी क्या ?उसके सामने कोई विकल्प भी नहीं था | पिता के पास दहेज देने की हैसियत नहीं थी तो अच्छा जीवन साथी कहाँ से मिलता ? खुद के पास इतनी पारखी नजर नहीं थी कि वह देखते ही दुर्जन को परख लेती | उसे क्या पता कि उसका होने वाला पति ऊपर से तो शरीफ़ पर अंदर से खतरनाक भेड़िया था , हमेशा उसके रक्त का प्यासा और उसे नोचने को तैयार | शराब पीने के बाद तो वह सचमुच एक राक्षस बन जाता था | उसके मानस पटल पर कितना जहर भरा था, कितनी कुंठा थी यह देवी कैसे जानती ? देवी का सबसे बड़ा दोष यही था कि वो दुर्जन के अत्याचार को सहन करती रही, उसे माफ करती रही और बली चढ़ा दिया उसने अपनी खुशियों का ........
“माया के मोहपाश में मैं इतना बंध चुका था कि बाबूजी की बातें मुझे बेमानी लग रही थी |राधा की उदारता और माँ की ममता को मैं भावावेश में कही गई बातें मान रहा था | वहीं दूसरी ओर मेरा सी
“माया के मोहपाश में मैं इतना बंध चुका था कि बाबूजी की बातें मुझे बेमानी लग रही थी |राधा की उदारता और माँ की ममता को मैं भावावेश में कही गई बातें मान रहा था | वहीं दूसरी ओर मेरा सीना अपमान की ज्वाला में धधक रहा था | बाबूजी ने मेरी पत्नी और बच्चों के सामने इतना अपमानित किया था की अब मैं एक पल भी उस घर में रहना नहीं चाहता था | घर के सभी लोग मुझे दुश्मन नजर आ रहे थे | मैंने अपना बचा-खुचा सामान बटोरा और टैक्सी में लाद कर माया के पास हमेशा के लिए आ गया |मोहब्बत की दुनिया बड़ी बेरहम है | यहाँ मंजिल कठिन यातनाओं से गुजरकर मिलती है | मोहब्बत कब किसी के लिए किस्मत का दरवाजा खोल दे या कब किसी को बर्बाद कर दे कह पाना मुश्किल है |इसे समझ पाना भी कठिन है ,बस समय के साथ ही सीख मिलती है | जिदगी की किताब में अनुभव के पन्ने जुडते रहते हैं | किसी मशहूर शायर ने कहा है ,“ये इश्क नहीं आसां , एक आग का दरिया है, और डूब के जाना है |”
“मुक्तिदाता “यह एक ऐसे नौजवान समर यादव की कहानी है जो भारत के एक छोटे से शहर में रहता है जिसका बचपन घोर गरीबी में बीतता है और जहां जातिगत भेदभाव और प्रताड़ना का उसे शिकार होना प
“मुक्तिदाता “यह एक ऐसे नौजवान समर यादव की कहानी है जो भारत के एक छोटे से शहर में रहता है जिसका बचपन घोर गरीबी में बीतता है और जहां जातिगत भेदभाव और प्रताड़ना का उसे शिकार होना पड़ता है | उसके माता-पिता ग्वाले हैं | पिता की आकस्मिक मौत के पश्चात घर संभालने की जिम्मेदारी बचपन से ही उसके कंधे पर आ जाती है | पर वह हिम्मत नहीं हारता है |इसके पहले तक वह अपनी कक्षा में सबसे पिछली बेंच पर बैठने वाला विद्यार्थी था परंतु 10 वीं कक्षा में प्रथम आते ही कक्षा के अन्य विद्यार्थियों की नजरों में उसका सम्मान बढ़ जाता है |उसे प्रेरणा मिलती है की सिर्फ दूध बेंचने से समाज में प्रतिष्ठा नहीं मिलेगी | इसके लिए उसे अच्छी शिक्षा लेनी होगी |वह बी एस एफ में अफसर बन जाता है| उसे उच्च ब्राह्मण जाति की लड़की सपना प्यार करने लगती है पर उसकी शादी एक दुष्ट ब्राह्मण से हो जाती है| समर उसे उसके दुष्ट पति के चंगुल से बचाता है | इसी बीच समर की तैनाती कश्मीर में हो जाती है | वहाँ एक कश्मीरी लड़की अनामिका पंडित उससे प्यार करने लगती है पर उसका अपहरण हो जाता है |समर उसे भी बचाता है | यह प्रेम ,संघर्ष , आशा, निराशा , रहस्य और रोमांच से भरी हुई कहानी है |
“काबिल” एक ऐसे नौजवान शिवा की कहानी है जो भारत के दूर-दराज गाँव में रहता है जहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, जिसका बचपन घोर गरीबी में बीतता है | उसके माता-पिता को अपना परिवार च
“काबिल” एक ऐसे नौजवान शिवा की कहानी है जो भारत के दूर-दराज गाँव में रहता है जहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, जिसका बचपन घोर गरीबी में बीतता है | उसके माता-पिता को अपना परिवार चलाने के लिए पशुओं के गोबर से निकले हुए अनाज को खाकर भी अपने बच्चों का पालन पोषण करना पड़ता है| स्कूल में भी वह शिक्षक के अति कठोर व्यवहार को बर्दास्त करते हुए आगे बढ़ता है| वहीं शिक्षक के व्यवहार से दुखी होकर कई छात्र पढ़ाई छोड़ देते हैं पर वह हिम्मत नहीं हारता और अंतत: 12 वीं की परीक्षा में अपने स्कूल में प्रथम आता है | वह शहर पढ़ने जाता है |पिता का सपना है कि उनका बेटा पढ़ लिख कर किसी कॉलेज में प्रोफेसर बने पर उसका सपना है की वह लॉ की पढ़ाई कर न्यायाधीश बने | शहर जाने से पहले उसके पिता हिदायतें देते हैं की वह ईमानदारी से अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे और अपना मन किसी लड़की के प्रेम-जाल में न भटकाए | पर वह शिवानी से प्यार कर बैठता है और उससे शादी करना चाहता है | क्या शिवा शिवानी से शादी कर पाएगा ? क्या शिवा लॉ की पढ़ाई कर न्यायाधीश बन पाएगा ? यह जानने के लिए पढ़ें लेखक का छठवाँ उपन्यास “काबिल”|
“संगिनी “ एक महिला सैनिक अधिकारी जया की प्रेम और संघर्ष की कहानी है| उसका जीवन खुशहाल और आनंदमय होता है तभी अचानक उसका युवा पति कैप्टन अजय सिंह राणा कश्मीर में पाकि
“संगिनी “ एक महिला सैनिक अधिकारी जया की प्रेम और संघर्ष की कहानी है| उसका जीवन खुशहाल और आनंदमय होता है तभी अचानक उसका युवा पति कैप्टन अजय सिंह राणा कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो जाता है |इस दर्दनाक घटना के बावजूद भी जया भारतीय सेना में अधिकारी बनने का फैसला लेती है और सेना में एक अधिकारी के रूप में नियुक्त होती है | परिवार के सभी सदस्य चाहते हैं कि वह पुनः विवाह कर ले पर वह शादी से इनकार कर देती है |
उसे संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में कार्य करने का मौका मिलता है |उसी दरमियान उसकी मुलाकात एक भारतीय सैन्य अधिकारी मेजर चंद्रन नायर से होती है और उसके अंदर नारी सुलभ प्रेम भावना जाग जाती है| मेजर चंद्रन नायर जया से शादी करना चाहते हैं पर उनकी माँ को यह स्वीकार नहीं है | फिर शुरू होता है संघर्ष आपसी रिस्तों का | क्या मेजर चंद्रन नायर माँ की इच्छा के विरुद्ध जया को अपनी पत्नी स्वीकार कर पाएंगे ? क्या जया उनकी माँ का दिल जीत पाएगी? इन सवालों का जवाब पाठकों को संगिनी में पढ़ने को मिलेगा |
कमीने दोस्त देश के उन करोड़ों छात्रों की कहानी है जिनके माता-पिता अपने बच्चों की छुपी प्रतिभा का आकलन नही कर पाते और अपने सपनों को पूरा करने के लिए उन पर दबाव डालते हैं। कई बार हत
कमीने दोस्त देश के उन करोड़ों छात्रों की कहानी है जिनके माता-पिता अपने बच्चों की छुपी प्रतिभा का आकलन नही कर पाते और अपने सपनों को पूरा करने के लिए उन पर दबाव डालते हैं। कई बार हताश होकर उन्हे अपने हाल पर छोड़ देते हैं। यह कहानी एक ऐसे छात्र की कहानी है जिसे बचपन मे उसके शिक्षक पिता ने "मंदबुद्धि " का तमगा दे दिया था क्योकि वह आठ साल का होने के बावजूद भी स्कूल नही जाता था पर उसकी माँ को पूरा भरोसा था कि उसका बेटा जरूर पढ़ेगा और एक दिन अपने पिता से भी आगे जाकर प्रोफेसर बनेगा| माँ के भरोसे और प्यार ने बच्चे के अंदर उत्साह भर दिया और वह पूरी सिद्दत के साथ लक्ष्य को हासिल करने मे जुट गया | यह कहानी कुछ ऐसे ही छात्रों की कहानी है जो बनारस हिंदू युनिवर्सिटी मे साथ साथ पढ़े और अपने मुकाम पर पहुंच गए। इस उपन्यास मे छात्र जीवन मे आने वाली चुनौतियों, लक्ष्य हासिल करने की जिद, संवेदनाओं, जीवन के उतार-चढ़ाव,भटकाव व आपसी प्रेम का सजीव चित्रण है। यह कहानी छात्रों के लिए प्रेरणा श्रोत है।
“सीमा प्रहरी” एक सैनिक की प्रेम कथा है- उसके इरादे की, हौसले की, संघर्ष की और सफलता की। कहानी का नायक विजय अपने पिता की इच्छा के विरुद्ध सीमा सुरक्षा बल मे एक आम सैनिक की तरह
“सीमा प्रहरी” एक सैनिक की प्रेम कथा है- उसके इरादे की, हौसले की, संघर्ष की और सफलता की। कहानी का नायक विजय अपने पिता की इच्छा के विरुद्ध सीमा सुरक्षा बल मे एक आम सैनिक की तरह भर्ती हो जाता है जबकि उसके पिता उसे भारतीय सेना मे एक अधिकारी के रूप मे देखना चाहते हैं। उसके विद्रोह का कारण है- पिता का सख्त अनुशासन और माँ का अति दुलार।भारत-बंग्लादेश सीमा पर वह एक लड़की रूना की इज्जत लुटने से बचाता है और उससे ही उसे प्यार हो जाता है। उसे बंग्लादेश सीमा पार करने का दोषी पाया जाता है जबकि यह अपराध उसने किया ही नही । वह रूना से शादी करना चाहता है पर एक आम सैनिक होने की वजह से उसे कई वर्षों तक संघर्ष करना पड़ता है। रूना से उसकी शादी मृग-मरीचिका बन जाती है। वह अपने लक्ष्य पर सफल होता है या नही- यह कहानी पढ़कर पाठक स्वयं जान जाएंगे
“आवारा” एक लड़के की संघर्ष कथा है। कहानी का नायक देव अपने पिता के वर्ताव से दुखी होकर घर छोड़कर भाग जाता है। पिता की नजरों मे वह आवारा है। उसका दोष सिर्फ इतना है कि व
“आवारा” एक लड़के की संघर्ष कथा है। कहानी का नायक देव अपने पिता के वर्ताव से दुखी होकर घर छोड़कर भाग जाता है। पिता की नजरों मे वह आवारा है। उसका दोष सिर्फ इतना है कि वह अपने बचपन की दोस्त गौरी को प्यार करता है। घर छोड़ने के बाद शुरू होती है उसके संघर्ष की कहानी। इसी बीच सेना मे वह अनुशासित सैनिक बन जाता है। परंतु उसके पिता अब भी उसे आवारा ही समझते हैं। जब वह घायल अवस्था मे सैनिक अस्पताल मे होता है तभी गौरी की शादी उसकी इच्छा के विरुध्द कर दी जाती है। देव की मुलाकात श्रीनगर मे रिटायर्ड मेजर राघव और उसकी बेटी रूमा से होती है जो देव को प्यार करने लगती है। इसी बीच मेजर राघव की आतंकवादियों द्वारा हत्या कर दी जाती है और रूमा का अपहरण कर पाकिस्तान ले जाया जाता है। देव, रुमा और गौरी दोनो को मुशीबत से निकालना चाहता है। दोनो ही उसे प्यार करती हैं। क्या देव रूमा को पाकिस्तानी आतंकवादियों के चंगुल से छुड़ा पाएगा ? क्या रूमा या गौरी देव से शादी कर पायेगी? यह कहानी पढ़कर पाठक स्वयं जान जायेंगे।
DESCRIPTION
“Borderman: A Love Story” is a story of soldiers- their determination, courage, struggle, and success. The main protagonist of the story is a young man Vijay Singh Rana who revolts against his father. His father, who himself is a military man, desires that his son should join the Indian Army as an officer but the over disciplining attitude of the father and over pampering attitude of the mother towards son makes him arrogant and
DESCRIPTION
“Borderman: A Love Story” is a story of soldiers- their determination, courage, struggle, and success. The main protagonist of the story is a young man Vijay Singh Rana who revolts against his father. His father, who himself is a military man, desires that his son should join the Indian Army as an officer but the over disciplining attitude of the father and over pampering attitude of the mother towards son makes him arrogant and frustrated. To take revenge for his insult he enrolls in the Border Security Force.
While on duty he saves a Bangladeshi girl Runa Chakraborty from the clutches of Muslim rapist boys. He falls in love with the girl and keeps on meeting her. One day he is caught by the Border Guarding Bangladesh (BGB) and is taken into custody and tortured. The BSF authority also finds him guilty. He is awarded 28 days imprisonment in the BSF custody and posted to a very far-flung area of the border as a measure of punishment. Despite that, he resolves to be an officer in BSF and marry his lady love.
It is an unending saga of struggle, determination, courage, and goal-oriented efforts in odd circumstances. Whether Vijay Singh Rana succeeds in becoming an officer and marrying his lady love Runa, readers have to find in this beautiful and adventurous novel, “BORDERMAN: A Love Story”.
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