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DHARMCHAKRA / धर्मचक्र

Author Name: Ram Pratap Singh | Format: Paperback | Genre : BODY, MIND & SPIRIT | Other Details

धर्म के बारे में हमें बहुत जिज्ञासा रहती है परन्तु उसकी वास्तविकता जानने की बजाय हम उसे मानते चले जाते हैं या फिर उसकी आलोचना करने लग जाते हैं | इसकी वजह है- धार्मिक शिक्षा का अभाव| इस पुस्तक के  जरिये मैंने धर्म के बारे में सामान्य जानकारी देने का प्रयास किया है | इसमें शामिल है – धर्म क्या है, ईश्वर क्या है, भगवान क्या है ,ब्रह्माण्ड क्या है ,जीव क्या है, प्रकृति क्या है, आत्मा क्या है ,ब्रह्म क्या है , ब्रह्मचारी और योग क्या है, ध्यान; समाधि व मृत्यु क्या है,नास्तिक और अनास्तिक कौन है,मानव का धर्म से क्या सम्बन्ध है,क्या शिक्षा और संस्कार धर्म का हिस्सा हैं,गुरुकुल क्या है, मंदिर और मूर्ति पूजा का क्या महत्व है, प्रकृति पूजा क्या है,वेद;पुराण; रामायण;महाभारत और भगवतगीता का हमारे जीवन में क्या उपयोगिता है| इन्ही सब प्रश्नों का उत्तर देने के लिए मैंने लिखा है-धर्मचक्र| धर्मचक्र धर्म का प्रतीक चिह्न है|

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राम प्रताप सिंह

राम प्रताप सिंह भारतीय सेना, मैकनाइज्ड इनफेन्ट्री रेजीमेंट व सीमा सुरक्षा बलmaastars digree wa diploma haasil kiyaa hai..Unhe Hindi,English,Bangla,Panjabi  में एक सैन्य  अधिकारी थे | उन्हे सैन्य सेवा का 36 वर्षों का अनुभव है| उन्होंने MA(English),LLM, PGDHR (Post Graduate Diploma in Human Rights), DLL&LW (Diploma in Labour Laws and Labour Welfare),Diplomaa in Cyber Laws, MDBA(Master Diploma in Business Administration) में मास्टर्स डिग्री व डिप्लोमा हासिल किया है | उन्हें हिन्दी,इंग्लिश,बांग्ला,पंजाबी,मराठी भाषा का ज्ञान है | इसके अलावा उन्हें  छत्तीसगढ़ी और बघेलखंड बोलियों की अच्छी जानकारी है |सैन्य सेवा से मुक्त होने के बाद उन्होंने  सूर्या स्टील कम्पनी में प्रशासनिक व सुरक्षा अधिकारी के पद पर कार्य किया, वकालत का पेशा भी अपनाया | अब वह अपना पूरा समय पठन-पाठन व लेखन में देते हैं | धर्मचक्र  उनका 22वां  उपन्यास है | लेखक से पत्र व्यवहार का पता –Email  : rps1959@gmail.com Mobile No 91-7000153809. 

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