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Sunhari yadein / सुनहरी यादे

Author Name: Nidhi Nitima | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

 निधि नितिमा का जन्म 29 मार्च 1979 को जिला मेरठ (अब बागपत) के बिनौली कस्बे में हुआ था। इनके पिता डॉ देवदत्त शर्मा जी एक ख्याति प्राप्त चिकित्सक हैं ,और माता जी श्रीमती कामना शर्मा गृहिणी है। इनकी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में हुई, और फिर हाई स्कूल उन्होंने  लखनऊ में रेलवे स्कूल से किया। निधिशर्मा ने अपने नाम के आगे' नीतिमा' उपनाम लगाया है ,जिसका अर्थ होता है "सिद्धांतों वाली लड़की "।प्रारंभ से ही ये एक मेधावी छात्रा रही, कक्षा में प्रथम आने से लेकर स्कूल की "सर्वश्रेष्ठ छात्रा "तक सम्मानित हुई ।स्कूल में होने वाले हर प्रतियोगिता में प्रथम आती रही। अपने स्कूल के अनुशासन समिति में "हेड गर्ल "के पद पर भी रहीं। उसके बाद मेरठ से 1999 में आरजी डिग्री कॉलेज से ग्रेजुएशन और फिर 2001 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से जंतु विज्ञान के fisheries में ऑनर्स के साथ एमएससी की डिग्री ली। उसके बाद इन्होंन B.Ed किया। 14 जनवरी 2001 को वह परिणय सूत्र में बंध गई। इनके जीवन साथी श्री निर्मल शर्मा जी स्लीपवेल कपंनी में जीएम के पद पर हैं उनकी दो बेटी और एक बेटा है। शादी के 20 साल के बाद पारिवारिक दायित्वों के साथ अपने पुराने शौक को जीवंत किया ।इनका कहना है कि बस जो मन करता है वह लिखती हूं ,या यूं कहिए कि मन की भाषा लिखती हूं।

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निधि नितिमा

 निधि नितिमा का जन्म 29 मार्च 1979 को जिला मेरठ (अब बागपत) के बिनौली कस्बे में हुआ था। इनके पिता डॉ देवदत्त शर्मा जी एक ख्याति प्राप्त चिकित्सक हैं ,और माता जी श्रीमती कामना शर्मा गृहिणी है। इनकी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में हुई, और फिर हाई स्कूल उन्होंने  लखनऊ में रेलवे स्कूल से किया। निधिशर्मा ने अपने नाम के आगे' नीतिमा' उपनाम लगाया है ,जिसका अर्थ होता है "सिद्धांतों वाली लड़की "।प्रारंभ से ही ये एक मेधावी छात्रा रही, कक्षा में प्रथम आने से लेकर स्कूल की "सर्वश्रेष्ठ छात्रा "तक सम्मानित हुई ।स्कूल में होने वाले हर प्रतियोगिता में प्रथम आती रही। अपने स्कूल के अनुशासन समिति में "हेड गर्ल "के पद पर भी रहीं। उसके बाद मेरठ से 1999 में आरजी डिग्री कॉलेज से ग्रेजुएशन और फिर 2001 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से जंतु विज्ञान के fisheries में ऑनर्स के साथ एमएससी की डिग्री ली। उसके बाद इन्होंन B.Ed किया। 14 जनवरी 2001 को वह परिणय सूत्र में बंध गई। इनके जीवन साथी श्री निर्मल शर्मा जी स्लीपवेल कपंनी में जीएम के पद पर हैं उनकी दो बेटी और एक बेटा है। शादी के 20 साल के बाद पारिवारिक दायित्वों के साथ अपने पुराने शौक को जीवंत किया ।इनका कहना है कि बस जो मन करता है वह लिखती हूं ,या यूं कहिए कि मन की भाषा लिखती हूं। इनके सपने को सार्थक होने में इनके पति और बेटी आशी का योगदान सर्वाधिक रहा, उनके प्रोत्साहन से ही लिखने का जज्बा मिला ।उनकी प्रेरणा स्रोत उनकी छोटी नन्द या सखी कहिए 'रुचि रूह' रही ,जिन्होंने लेखन की शुरुआत करने का हौसला दिया ।उनके कार्य से उनके सास-ससुर श्री बीआर शर्मा जी श्रीमती राजवती शर्मा जी अत्यंत प्रसन्न है ,और उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हैं।  निधि शर्मा का कहना है जो लिखती हूं दिल से लिखती हूं और दिल की आवाज रूह तक जाती है ।

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