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Tavaayaf E Kalima / तवायफ़ ए कलिमा

Author Name: Shlok Kumar | Format: Paperback | Genre : Others | Other Details

इस किताब को लिखने का उद्देश्य यह हैं की लोगो के जीवन में रंज का किनारा इस कदर सराय बना लिया हैं की उनके हयात से जाने को नहीं , मगर मुझे यकींन हैं की मेरी किताब '' तवायफ ए कलिमा '' उनके हयात में उल्लास लाने का काज करेगा और उन्हें प्रेम के प्रति सच्ची निष्ठा और गहरा प्रेम करने की कला को सिखाएगा और उन्हें प्रेम रुपी सागर में डूबोकर संसार के फरेब से विरक्त करेगा । इसको लिखने में शब्दों को ढूँढने की आवश्यकता नहीं पड़ी यह एक भावना हैं जो दिल की गहराई से निकली हुई हैं जिसे मैंने एक-एक शब्दों को समेट कर पुस्तक में बदल दिया हैं । 

'' सब कुछ हमारे सोचने के मुताबिक़ से हो यह जरुरी तो नहीं कुछ वक्त और खुद के कर्मो पर भी छोड़ देना चाहिए ,इंसान अपने बीते हुए कल को जख्मो की तरह चाटता हैं '' और हमेशा ख़ुशी के पल जीवन में आये यह जरुरी तो नहीं कुछ जख्मो और दुखो को भी गले लगाना चाहिए। उम्मीद हैं की यह किताब आपको पसंद आई होगी और जाते -जाते कहूँगा की मैं फिर आऊंगा अपनी नयी किताब के साथ आपको कुछ नया सिखाने और प्रेम की अहमियत बताने।
              ​​​​​​ ~ श्लोक कुमार

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श्लोक कुमार

श्लोक कुमार का जन्म मिर्ज़ापुर जिले के चड़रहा गाँव में हुआ इनके माता पिता गाँव में रहते हैं और इनकी प्रारम्भिक शिक्षा गाँव से ही सम्पन्न हुई इनके माता का नाम राजकुमारी देवी हैं व इनके पिता का नाम चन्द्रशेखर हैं इनके पिता एक प्रवक्ता हैं व माता पंचायत विभाग में सफाईकर्मी हैं इन्होने अपनी दसवी की पढ़ाई मिर्ज़ापुर जिले के श्री राम पब्लिक स्कूल से प्रथम श्रेणी के साथ उत्तीर्ण किया व बारहवी भी मिर्ज़ापुर जिले के राजस्थान इंटर कॉलेज से प्रथम श्रेणी के साथ उत्तीर्ण किया । उसके पश्चात् इन्होने कई केंद्रीय विश्वविद्यालय का परीक्षा दिया जिसमे इन्होने सफलता प्राप्त किया जिनमे से कुछ चर्चित विश्वविद्यालय हैं इलाहबाद विश्वविद्यालय , दिल्ली विश्वविद्यालय , लखनऊ विश्वविद्यालय , राजस्थान विश्वविद्यालय , काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय ऐसे कई सारे संस्थानों में इन्होने सफलता प्राप्त किया । इन्होने अन्य परिक्षाए भी उत्तीर्ण किया जैसे जनरल नर्सिंग और मिडवाइफरी (NTSE ) , पॉलिटेक्निक (POLYTECHNIC ) , इंजीनियरिंग और ग्रामीण प्रौद्योगिकी (IERT ) जैसी परीक्षाएं भी उत्तीर्ण कीं, साथ ही राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (NTSE ) एवं कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET ) भी उत्तीर्ण किया जिनमे ये अंग्रेजी साहित्य में प्रथम आये। अंततः, उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया, जिसे पूर्व का ऑक्सफोर्ड भी कहा जाता है। वर्तमान में, श्लोक कुमार इलाहाबाद विश्वविद्यालय में तृतीय वर्ष के छात्र हैं। इनकी पहली पुस्तक का शीर्षक " हाशिये पर मुसहर " हैं जो दलित और जातिवाद पर आधारित हैं इस किताब ने इनके जीवन की क़ैफ़ियत को बदला और कई पुरस्कारों से खुद को सुशोभित किया जिनमे से इन्होने एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड , दिल्ली बुक ऑफ़ रिकॉर्ड. बिहार बुक ऑफ़ रिकॉर्ड , इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड , वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड विक्की कुमार को पीछे कर अपने नाम सबसे कम उम्र के लेखक का खिताब नाम किया जिन्होंने दलित और जातिवाद पर किताब लिखी । इनकी लघु कथा "जल" एक लाख प्रतिभागियों में इनका दूसरा स्थान रहा और साथ ही साथ वोमन हुड एफेस्ट अंतर्राष्ट्रीय कविता प्रतियोगिता में "अ"(A ) श्रेणी के साथ प्रथम स्थान प्राप्त किया, इनकी पहली पुस्तक का शीर्षक हैं " हाशिये पर मुसहर" व दूसरी पुस्तक का शीर्षक "मन्नत ए अल्फ़ाज" हैं एवं तीसरी पुस्तक का शीर्षक " बिगनिंग द लव (Beginning the love , The poetry of Heartbreak ) हैं । कई प्रसिद्ध समाचार पत्रों जैसे जेजे न्यूज पेपर, उजाला शिखर, मिर्जापुर न्यूज, प्रयागराज न्यूज आदि के लिए लेख लिखते हैं। कुछ प्रसिद्ध मासिक साहित्यिक पत्रिकाएं जिनमें उनकी कविताएं प्रकाशित हुई हैं: प्रवक्ता, अनहद कृति , साहित्य आज कल, नव उदय, कविशाला, अमर उजाला, माई पोएटिक साइड, हैलो पोएट्री, पोएट्री सूप, पोएम हंटर, ऑल पोएट्री, सबमिटेबल।

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