बीतें पाँच वर्षों में मेरे रोज़मर्रा के जीवन में कई घटनाएँ घटित हुई, कुछ मामूली, कुछ विचित्र, कुछ निरर्थक तो कुछ सार्थक। इन्ही उपाख्यानों, हादसों और अनुभवों को जोड़ कर मैंने यह पुस्तक पिरोयी है। कविता में व्यक्त किए गए एक एक भाव मेरी जीवनी का हिस्सा है। किंतु पंक्तियों का प्रसंग कुछ भी हो, पुस्तक का मूल कथ्य तो मेरी उदासी ही है। आशा है मेरी उदासी पर आपको कुछ हमदर्दी जताने का अवसर मिले।