इस बुक में कविता , शायरी और विचार मिलेंगे जो अपने जीवन से मिलते हुए है। इस बुक को पढ़कर आप अपने अंदर के मोटिवेशन पावर को भी बड़ा हुआ पाएंगे, ऐसा इसमें कुछ नहीं है जिससे आप मोटीवेट और पॉजिटिव हो जाए लेकिन ये मेरी लाइफ के थॉट्स को शो करता है इसे पढ़कर शायद आपको समझ आये की लाइफ कभी भी हमारे साथ बुरा नहीं करती। बस इसे समझकर जीना आ जाना चाहिए तो "तुझसे नाराज़ नहीं ए ज़िन्दगी"
ओशीन खान, Abdul Shareef Khan, Farha Rajbeen Khan, Ruchi Choubey
ये मेरी दूसरी किताब है जिसमे मेने फिर से अपनी फीलिंग्स को पेपर पर उतारा है। मेरी पिछली " ऐ हसीं ज़िन्दगी " में जो भी कुछ मेने लिखा था तब से लेकर आज तक मेरी कलम की लिखावट बेहतरीन से बेहतरीन हुई है। इस किताब का जो टाइटल है वो अब मेरे जीवन के इस दौर को कही न कही कह रहा है जो भी मेरे दिल और दिमाग में आता है चाहे वो मेरी ज़िन्दगी का हो या फिर किसी और की ज़िन्दगी से सीखा हो. बस उसे अपनाकर कहा है की " तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी"