कविताओं की पंक्तियाँ कभी अर्थ सहित और कभी अर्थ विहीन होती है। बिना अर्थ वाली पंक्तियों के भी कई भावार्थ होते हैं जो पाठक के निष्कर्ष पर निर्भर करते हैं। अलग अलग कवितायेँ , अलग अलग रंगों के धागों की तरह होती हैं जिनका मूल रूप तो समान होता है जो की मानवीय भाव वर्णन करना है। किन्तु विभिन्न रंगो की तरह ही ये भी विभिन्न भाव दर्शाती हैं जो कहीं न कहीं उलझे धागों की तरह एक दूसरे से मिले होते हैं। ये संग्रह भी कवि के कुछ भावों की प्रस्तुति है।