मैं सोचती हूँ कि जीवन एक ही है इसे खुल कर जीना चाहिए पर जिन लम्हो को मैं खुल कर नहीं जी पाती उसे मैं पन्नो पर उतार देती हूँ। इस पुस्तक में कुछ वास्तविक पन्ने है तो कुछ काल्पनिक। आशा करती हूँ आप लोगो को पसंद आएगी।
नमस्ते पाठक गण। मेरा नाम काजल सिंह है। यूँ तो मुझे किताबे बहुत अच्छी लगती है लेकिन जब जीवन में एकांत आया तो मैंने पाया किताबे ही सच्ची दोस्त है। फिर क्या था अपने जीवन के सूनेपन को दूर करने के लिए मैंने लिखना आरम्भ किया। पहली कहानी लिखी मैंने "टूटी कुर्सी" . इसे पढ़कर मुझे और लिखने की प्रेरणा मिली।