आप अद्भुत हैं, कभी-कभी हम लोग खुद से नफरत करने लगते हैं, जो हमारे आसपास के लोग हमारे बारे में राय बना लेते हैं, उसे ही हम सच मान जाते हैं, कब वो हमारी पहचान बन जाती है हमें पता ही नहीं चलता, और धीरे-धीरे हम खुद से नफरत करने लगते हैं, हमारे सावले रंग को लेकर हमारे शरीर के बनावट को लेकर अक्सर हमारे आसपास के लोग सवाल करते हैं, ताने देते हैं,और हम अपनी पहचान खो देते है, मैं भी इस आलोचना की शिकार रही हु, स्कूल,समाज और मैं खुद को कमोजर, कम समझने लगी, दूसरों से तुलना करने लगी, यह पुस्तक आपको खुद से प्रेम करना सिखाएगी,खुद की पहचान खुद से कराएगी, आपके भीतर छिपे हीरे को पहचान करने में यह पुस्तक मदद करेगी,आप खुद को बेहतर समझे,आप बेहतर,खूबसूरत है,आप अद्भुत हैं ।