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Humari Rajbhasha Hindi / हमारी राजभाषा हिंदी

Author Name: Meenu Bala, Sachin Chaturvedi | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

राजभाषा हिंदी को व्यवहारिक रूप से सम्मान देने के लिए यह पुस्तक "हमारी राजभाषा हिंदी" अनुराग्यम् का एक छोटा सा प्रयास है, जिसके द्वारा अलग-अलग देशों एवं राज्यों से हिंदी प्रेमियों की मौलिक रचनाओं को आमंत्रित कर संपादित किया गया है। आशा है यह पुस्तक भावी पीढ़ी के के लिए  उपयोगी सिद्ध होगी। क्षेत्रीय एवं प्रांतीय भाषाएं बेशक हमारी संस्कृति की अमूल्य धरोहर है और इसको सजोकर रखने वाली हमारी राजभाषा हिंदी सदा अग्रणी रहेगी।

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मीनू बाला, Sachin Chaturvedi

भारत की अमूल्य धरोहर से जोड़ने की मजबूत कड़ी - अनुराग्यम् | कला, साहित्य, विज्ञान और संस्कृति की साझी धरोहर अनुराग्यम् ने जो कम समय में अपनी पहचान बनाई है, वास्तव में सराहनीय है और अनुराग्यम् निरंतर अपने उद्देश्यों के प्रति सदा ही आत्मीय भाव से समर्पित है l गागर में सागर कहावत अनुराग्यम् पर पूर्णतः सिद्ध होती है l ज्ञान-विज्ञान, काव्य गोष्ठी, मुशायरा, सामाजिक सरोकार, कला, साहित्य, संस्कृति या शिक्षा विभाग से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी और इससे भी कहीं अधिक ऐसी जानकारियां जो की जन मानस के लिए बहुत ही जरूरी बन गई है, अनुराग्यम् इन्हीं जानकारियों को ले कर आप सब के समक्ष उपस्थित है l विगत दिनों में इन गतिविधियों के साथ ही एक ऐसी अनोखी श्रृंखला का आरम्भ हुआ है, जिससे ज्ञानवर्धक बातों के साथ हम मिल पाएंगे देश की उन तमाम जानी मानी हस्तियों से जो ज्ञान का भंडार समेटे हुए हैं l कैप्लेट मासिक पत्रिका 'कलायात्रा' जिसमें आपको भारतीय कला एवम् भारतीय संस्कृति की झलक दिखेगी |

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