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Ibtida Se Ab Tak / इब्तिदा से अब तक!

Author Name: Bharat Sharma Tagzul | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

"इब्तिदा से अब तक" किताब के उन्वान से शायद कुछ हद तक ये अंदाजा लगाना आसान होगा की किसी सफर के शुरुआत से अब तक का जिक्र किताब में किया गया है। दरअसल इस किताब में ना केवल मोहब्बत की शुरुआत का जिक्र है, बल्कि मोहब्बत के साथ-साथ हिज़्र, बगावत, हकीकत, नफ़रत, एकतरफा मोहब्बत, धोखा, इंतजार बहुत सी कहानियों की शुरुआत का जिक्र है।

मैं मेरे जीवन में हुई हर एक नयी शुरुआत को मैंने मेरे अहसास के साथ हर्फो मे लिखने की कोशिश की है। कहते हैं कि किसी वाक्या को ब्या करने में ग़र खुबसूरती की कमी नज़र आए तो शायरी उस कमी को दूर करने के लिए सबसे सही तरीका है। तों मैंने भी मेरे अहसासो को खुबसूरती से नवाज़ने की कोशिश की ओर शायरी के रुप में, लिख दी जिदगी की तमाम हकीकत।

और इस तमाम अभी तक की हकीकत को मैंने नाम दिया 'इब्तिदा से अब तक'।

चुकी ये मेरी शायरी की दुनिया की पहली किताब है, जिसमें मेरे गुजिस्ता सालों के शायरी के सफर को शुरुआत से अब तक आप के साथ सांझा करुगा, इसलिए मैंने इस किताब को 'इब्तिदा से अब तक' नाम देना मुनासिब समझा।

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भरत शर्मा तग़ज्ज़ुल

भरत शर्मा तग़ज्ज़ुल राजस्थान के जिले हनुमानगढ़ में बसे छोटे से शहर पीलीबंगा से ताल्लुक रखते हैं। हाल फिलहाल बीकानेर से वकालत की डिग्री ले रहे हैं। भरत शर्मा तग़ज्ज़ुल उर्दू की बहुत सी महफिलों में युवा शायर के रूप में अपना योगदान दे रहे हैं। भरत शर्मा तग़ज्ज़ुल की ख़ास दिलचस्पी उर्दू ज़बान की तरफ है, इनकी शायरी में उर्दू को लेकर इनकी मोहब्बत बहुत खूब झलकती है। उर्दू के साथ -साथ भरत शर्मा तग़ज्ज़ुल ने पंजाबी, हिंदी, और अंग्रेजी भाषा में भी कलाम कहा है परंतु इनकी उर्दू की ग़ज़लें काफ़ी मकबूलियत हासिल करती है।

भरत शर्मा तग़ज्ज़ुल ने ज़श्न ए कातिब नाम के अदबी मंच की भी नींव रखी है जिस पर अभी भी कुछ खास मौकों पर उर्दू के मुशायरे करवाये जाते हैं।

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