Share this book with your friends

Krishnasakshi / कृष्णसाक्षी

Author Name: Pratyasha Nithin | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details
जिस दिन साक्षी को उसके मायके से निकाला जाता है, उसी दिन उसका पति भी उसके सामने एक ऐसी शर्त रख देता है जिसके चलते वो देर रात उसका घर छोड़कर अकेले भटकने के लिए निकल पड़ती है| ना उसके पास पैसे हैं और ना ही रहने की कोई जगह| नास्तिक साक्षी को एक पुराने गिरिधर मंदिर के पंडित, मंदिर के पास एक कमरे में रहने की जगह देते हैं, और साक्षी मजबूरीवश मना नहीं कर पाती| पंडित जी की मीठी मीठी बातों से साक्षी को शक है कि वो उसे आस्तिक बनाने का षड्यंत्र रच रहे हैं| पर क्या ये षड्यंत्र पंडित जी का है, या स्वयं गिरिधर का? अब अगर साक्षी इस षड्यंत्र से बच भी जाए, तो भी उसके पास उलझनों की कोई कमी नहीं| साक्षी का पति उससे प्यार करने का दम भरता है और साक्षी को ये प्यार नहीं चाहिए; क्योंकि उसके पति का प्यार उसके जीवन पर हर दिन भारी पड़ता जा रहा है| इसलिए जहाँ एक तरफ उसका पति इस कोशिश में लगा है कि साक्षी वापस उसके पास आ जाए, वहीँ दूसरी तरफ साक्षी कैसे भी इस रिश्ते से मुक्ति पाना चाहती है| इसी बीच साक्षी एक और दुविधा में तब पड़ जाती है, जब अनजाने ही उसका दिल एक दूसरे आदमी की ओर झुकने लगता है; और वो भी तब जब साक्षी अपने जीवन को एक अलग ही तरीके से जीने का निर्णय कर चुकी है| ऐसी परिस्थितियों में फँसी साक्षी अपने ही चरित्र पर सवाल उठाने लगती है| क्या चुने- पति, प्यार, या वो जीवन जिसे उसने खुद अपने लिए चुना था? कृष्णसाक्षी कहानी है साक्षी के कृष्णसाक्षी बनने के सफर की| ये कहानी है भक्ति की, प्यार की, और धर्म-अधर्म के बीच के द्वंद्व की|
Read More...
Paperback
Paperback 465

Inclusive of all taxes

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

Also Available On

प्रत्याशा नितिन

प्रत्याशा नितिन कर्नाटक प्रांत के मैसूर नगर की निवासी हैं | वह एक लेखिका एवं चित्रकार हैं | वो धर्म सम्बन्धी कहानियां लिखना पसंद करती हैं | उनका उद्देश्य ऐसी कहानियां लिखने का है जो लोगों को अपनी जड़ों से वापस जोड़ सकें एवं उनके मन में भक्ति भाव जागृत कर सकें | उनकी हिंदी एवं अंग्रेजी में लिखी कहानियां प्रज्ञाता नामक ऑनलाइन पत्रिका में प्रकाशित हुई हैं | साथ ही उन्होंने दो लघुकथाएँ "मायापाश" और "झूठ की परत" भी भी लिखी हैं|
Read More...

Achievements

+1 more
View All