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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Pal“इस डर से नहीं पढता कि इमोशनल न हो जाऊं” सच कहूँ जब मेरे मित्र ऐसा कहते हैं तो सोच में पड़ जाता हूँ। भीतर खुशी भी होती है कि जो कह रहा हूँ वह दिल और दिमाग को चीर कर पढ़ने वाले को अंतस्तल तक स्पर्श कर रहा है । जिंदगी एक लाइव परफारमेन्स है । यहां जो कुछ हुआ उसका रिपीट टेलीकास्ट नहीं होता । यह जिंदगी किसी हसीन फिल्म की तरह है , बस फर्क यह है कि यहां आपको अपने सींस के शॉट री टेक का मौका नहीं मिलता।
सो न जाने क्यों जब भी कुछ कहता हूँ तो मुझे भी नहीं पता होता कि , कह क्या रहा हूँ यह लाइफ कोई स्क्रिप्टेड तो है नहीं कि किसी राईटर डायरेक्टर ने मुझे बता दिया , स्टेज पर जाओ कैमरे के सामने खड़े हो और यह एक्टिंग करते हुए ऐसे डायलाग बोल दो । हमें बहुत बार लगाता है कि , घटनाएं रिपीट हो रही हैं जैसे “हिस्ट्री रिपीट इट सेल्फ” लेकिन ऐसा होता नहीं है क्योंकि वक्त अभी निगेटिव एक्सिस पर प्लॉट नहीं होता।
देखिये , कविता, कहानी, व्यंग्य , उपन्यास आदि मै लिखता हूँ उसे कहता नहीं हूँ । लिखने और कहने में फर्क है , लिखता हूँ तो कहीं न कहीं कुछ होता है जिसे संस्कार में बाँध देता हूँ , जैसे कविता , कहानी और व्यंग्य के अपने संस्कार होते हैं जो भाव व कैरेक्टर के साथ चलते हैं , लेकिन कहने में कहीं कुछ होता ही नहीं , इसलिए मुझे पता ही नहीं होता कि कह क्या रहा हूँ , बस कहता चला जाता हूँ और मज़ा यह कि मेरे बिना कुछ कहे भी आप वह पढ़ लेते हैं जो मैने कहा । शब्द ही तो हैं जो पढ़ रहे हैं और मै कहता जा रहा हूँ , बात आपके दिल को सुनाई दे रही है। पढ़ तो आपकी आँखें रही हैं और सुनाई दिल को दे रहा है।
मुरली मनोहर श्रीवास्तव
नाम : मुरली मनोहर श्रीवास्तव
जन्म तिथि : 18 मई 1964
शिक्षा : बी ई ( जामिया मिल्लिया इस्लामिया ) मैकेनिकल इंजीनियरिंग
कार्य : एन टी पी सी मेजा में उप महाप्रबंधक के रूप में कार्यरत
नवभारत टाईम्स , अमर उजाला , राष्ट्रीय सहारा , हिंदुस्तान दैनिक , दैनिक जागरण सहित लगभग सभी प्रमुख पत्र पत्रिकाओं में एक हजार से अधिक रचनाएँ प्रकाशित हैं ।
विश्व पुस्तक मेले में पुस्तक “घोडा ब्रांड क्रिकेटर” प्रदर्शित हुई और चर्चा में रही ।
Site: darwaze.com
: murlispeaks.com
पुस्तकें :
1. सत्य जीतता है (हिन्दी अकादमी दिल्ली से प्रकाशित),
2. सम्भावना (साहित्य वीथी दिल्ली से प्रकाशित, वर्ष -2017 फ़्लिप कार्ट व अमेज़न दोनों पर उपलब्ध)
3. Posibility ( English translation of Sambhavana By Deepak Danish )on kindle
4 . गुरु गूगल दोऊ खड़े pustakbazaar.com द्वारा प्रकाशित
5 . क्षमा करना पार्वती pustakbazaar.com द्वारा प्रकाशित
6 . ख्वाबों की जिंदगी और 63 कविता
7. वह मैं हूँ
8.घोडा ब्रांड क्रिकेटर मेरे 71 व्यंग्य
9. दर्द और ख्वाब
10. दर्द के इम्यूनिटी बूस्टर्स
11. फ़रिश्ते
12.चाँद पर राइटर पेंटर और आर्टिस्ट भेजें
13. मुरली की दुनियां
14. जीत गए तुम
15. कुछ तो कहता हूँ
16. दरिया को मीठा रहना
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