Share this book with your friends

Main Munna Hun / मैं मुन्ना हूँ

Author Name: Manish Shrivastava | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

"मैं मुन्ना हूँ" नायक के मानसिक विदलन और सृजनात्मक विकास व उपलब्धियों की कथा है। समकालीन सनसनियों में से एक से शुरू हुई यह कथा एक बालक, एक किशोर, एक युवक के उस आदिम अरण्य में ले जाती है जहाँ उसके भोगे गए यथार्थ का मनोविज्ञान है। इस उपन्यास में सबसे ज्वलंत मुद्दा जो उठाया गया है वह है 'बाल यौन शोषण'। उपन्यास के नायक मुन्ना की कहानी शुरू होती है बचपन में, जहाँ वो यौन शोषण की त्रासदी झेलता है। शुरू में उसका अबोध मन समझ नहीं पाता और कई बार विरोध करना चाहते हुए भी कर नहीं पाता अंतत: उसका विरोध फूट पड़ता है। वह अपना दुःख सिर्फ किन्नू से साझा करता है जो उसका काल्पनिक साथी है। मुन्ना का कृष्ण प्रेम व उसकी आस्था उसे अपने भैया व केशव से मिलवाती है जिससे वो अपना दुःख तकलीफ साझा करता है वे उसके मार्गदर्शक बनते हैं। इस कहानी में यौन शोषण की त्रासदी  है, बचपन के किस्से है, प्रेम है, जवानी की शरारते हैं, गिरना है उठना है और फिर गिर के उठ कर संभल कर खड़े होने की कहानी है।

Read More...
Paperback
Paperback 475

Inclusive of all taxes

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

Also Available On

मनीष श्रीवास्तव

क्यूँ लिखता हूँ, ये सवाल कई लोगों ने पूछा था जिसका एक मात्र जवाब है कि लिखना मेरे लिए अब, मेरी तलाश की तरफ मेरी यात्रा है। ये  यात्रा तीसियों साल पहले टुकड़ों में स्कूल के दौरान शुरू हुई थी, फिर रुक गयी और फिर देशा देशांतर की यात्राओं ने दोबारा मुझे मेरी यात्राओं से जोड़ दिया। अगर “रूही-एक पहेली”, पहली सीढ़ी थी तो  मुन्ना उस मंजिल की दूसरी सीढ़ी है। बुंदेलखंड से चलते चलते आज बाली पहुँच गया हूँ इन्ही कहानियों को ढूंढते ढूंढते जो आप पढ़ चुके हैं और आने वाले समय में जो आप पढेंगे। वो कहते हैं ना कि “जो आप बोल नहीं पाते वो आप लिख देते हैं” वाली श्रृंखलाएं हैं ये मेरी कहानियां... पढ़ते रहिये 

कवर पेज चित्रांकन - तृषार
ट्वीटर : @wh0mi_

Read More...

Achievements

+4 more
View All