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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palमंथन से आप एक किताब की तरह नहीं बल्कि एक दोस्त की तरह रूबरू हों।
ये आपको समझेगी भी, समझाएगी भी,
रुलाएगी भी, गुदगुदाएगी भी,
पर यह तय है, ये आपको एक दोस्त की तरह,
दिलासा देगी, जैसे मुझे देती हैं।
आप चाहें तो इसे कविता या दोहे या शेरो-शायरी का संग्रह समझें, मंथन तो बस आप ही की भावनाओं का दर्पण है।
साक्षी शर्मा
साक्षी, खान-पान की विविधता और हास्य से भरपूर शहर, इंदौर से ताल्लुक़ रखती हैं।
जहां एक ओर साक्षी को बाइक पर घूमना पसंद हैं वहीं दूसरी ओर किताबों के साथ वक़्त बिताना। यूं कहिए- वह दिन में ‘राइडर’ और रात में ‘राइटर’ हैं। बाइक पर शहर-दर-शहर घूमने और सृजन करने से, साक्षी की लेखनी हर क्षेत्र और हर वर्ग को अपनी-सी लगती है।
अभी वह बेंगलुरु में रह रही हैं और उनसे इस पते पर संपर्क किया जा सकता है:
sakshisharma90@hotmail.com
https://www.instagram.com/sakshisharma90/
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