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Mere swapan / मेरे स्वपन(कुछ बुरे कुछ अच्छे कुछ अधूरे कुछ सच्चे) (kuch boore kuch acche kuch adhoore kuch sacche)

Author Name: Jatin Mittal | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

रोज़ अपने चेहरे पर एक बनावटी हंसी लिए चलता हूं

एक फूल जैसे

कभी मुरझाता हूं

कभी खिल उठता हूं

इसीलिए तो कहता हूं

जो दर्द मैने सहे आप न सह पाओ

स्वपन तो देखो पर उनपर कभी अमल मत करो

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जतिन मित्तल

जतिन मित्तल
जैसा मेरा नाम वैसा मेरा काम जिस तरह भोले नाथ जी ने कितने दर्द सही दुनिया बनाने में
आज मैं भी वे से रहा हूं अपनी जिंदगी सुधारने में

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