तहख़ाना का अर्थ होता है, ज़मीन के नीचे बना हुआ कमरा। जिस तरह एक मकान के तहख़ाने में मालिक अपने अमूल्य रत्न छुपाता है। उसी तरह इस तहख़ाने में लेखक के क़ीमती जज़्बात छुपे है। जहाँ पर लेखक ने छोटी-छोटी पंक्तियों के माध्यम से ज़िक्र किया है इंसान की अलग-अलग भावनाओं का। यह किताब एक निचोड़ है दिल से लेकर दिमाग़ तक के जज़्बातों और खयालो का | किताब में प्रेम, विश्वासघात, समाज, जीवन, संबंध, मानव व्यवहार और माँ प्रकृति की सुंदरता के छंद हैं।