ग़ज़ल! इंसान की जिन्दगी का वो पड़ाव है जो हर किसी की उम्र में एक बार जरुर आता है। इंसान के पास जबान होते हुए भी अपने दिल की बात कहने का सलीका, अदब और लहज़ा हर किसी के पास नही होता और ग़ज़ल की तारीफ यही है कि ये हर किसी के दिल की बात उसी के अंदाज़ में कह सकती है। तो आइये सुनते हैं हमारे अपने दिल की बात।
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