इस पुस्तक में भारतीय भाषाओं की 10 विशिष्ट कहानियों का नाट्य रूपांतर है। अमृता प्रीतम (पंजाबी), विजयदान देथा (राजस्थानी), इस्मत चुगतई (उर्दू), आचार्या चतुरसेन शास्त्री (हिंदी), किशोरी चरण दास (उड़िया), गोबिंद पंजाबी (सिंधी), रस्किन बांड (अंग्रेजी), शरदेंदु बंधोपाध्याय (बांग्ला), कि राजनारायण (तमिल), दिनकर जोशी (गुजराती) की गिनती अपनी-अपनी भाषाओं के श्रेष्ठ लेखकों के रूप में होती है। इन सभी लेखकों की विशिष्ट कहानियों को इस पुस्तक में नाट्य रूप में पढ़ा जा सकता है। कुमार संजय ने उनकी कहानियों को बहुत ही सरल, सहज और मंचीय भाषा में प्रस्तुत किया है। नाट्य प्रेमी पाठकों को इन नाट्य रूपांतरों को पढ़ने में और नाट्य कर्मियों को इन्हें मंचित करने में बहुत आनंद आएगा, इसमें दो राय नहीं हो सकती।