कहानी के मूल में एक गहरी गलतफहमी है जो मुख्य किरदारों के बीच पनपती है, एक इम्तिहान, जहाँ उनके विश्वास हिंसक रूप से टकराते हैं। लेखक ने गलतफहमियों और अधूरी इच्छाओं से भरे रिश्ते से उत्पन्न होने वाले अशांत जज्बातों की तलाश की है। जैसे-जैसे बेवफाई प्यार की लकीरों को धुंधला करती है लड़की खुद को बदलें के चक्र में फंसा हुआ पाती है पागलपन की भावनाओं और साथ ही अपने मानसिक स्वास्थ्य से जूझती है, ये कहानी पाठकों को यह सोचने पर मझबूर कर देगी कि कैसे गलतफहमियां प्रेम के धागे के साथ जुड़ते हैं, ये कसौटी उस भारी दिल की खोज करती है जो मोहब्बत के धुंधला होने के बाद भी कई अरसे तक ज़िंदा रहता है। लेखक ने कुशलता से दर्शाया है कि मोहब्बत हमेशा पारस्परिक नहीं होता, और कभी-कभी, सबसे गहरे संबंध अधूरे रह जाते हैं। यह धारणा पाठकों को प्यार के साथ उन्हें खुशी के क्षणों और दर्दनाक मंज़र दोनों से प्राप्त सबक को अपनाने की ताक़त रखती है। क्या यह प्रेम रूपी धागा गलतफहमी की गांठ के आगे कमज़ोर पड़ जायेगा? या फिर होंगा ऐसा अंजाम जो बदले की आग सेसब कुछ ख़त्म कर देगा? यह दिल दहला देने वाली कहानी उन तमाम लोगों के लिए अनुशंसित है जो इश्क़, नफ़रत, हानि, अधूरे रिश्तों और वादों की सुंदरता की एक विचारशील खोज की तलाश में हैं।
Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners
Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners