प्रथम एकांकी नाटक – ‘ आँचल की धूप ’ एक जीवंत प्रश्न के उत्तर का अन्वेषण है | क्या कोई जननी - कुमाता बनकर नवजात को मृत्यु की गोद का वरण करने हेतु स्वयं उसे त्याग सकती है ? द्वितीय एकांकी नाटक – ‘ अवज्ञा ’- राम-राम एवं सीताराम इन शब्दों की व्याख्या पर आधारित है | तृतीय एकांकी – ‘ सन्मति ’- सर्व-धर्म की मान्यता पर आधारित है |
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