जिंदगी जितनी साफ दिखती है उतने ही ढुंडले है इसके ख्वाब के हम जमने से कितनी भी बातें क्यों ना कर ले फिर भी भ्रामिति रहेंगे इनके बिचार इश्क की नुमाइश गलत नहीं है पर अगर उसमे हुस्न की बातें की जाए तो एक तरफ़ा नहीं ये पूरी महफ़िल में गलत सवित की जाएगी क्योंकि हुस्न सेह सिरफ इश्क की तौहीन ज़माने होती है जाने में आशियाने नहीं बनते
आप उनकी किताब को नोटियन प्रेस, अबे बुक्स, इम्युजिक इन, फ्लिपकार्ट, एमेजॉन, किंडल, इंस्टेंट रीड लाइक ईबुक, किंडल, गूगल, इंटरनेशनल साइट्स और कई अन्य से भी खरीद सकते हैं।
Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners
Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners