‘अक्स’ कविताओं का एक संग्रह है जो ग़ज़ल की तर्ज़ पर लिखी गयी हैं। यद्यपि ये ग़ज़ल के बन्धनों से पूर्णतः मुक्त हैं, इनका उद्देश्य और प्रकटीकरण बिलकुल वैसा ही है। इनमें एक तरफ महबूब का तसव्वुर और उसकी चाहत की ख़ुशी है तो दूसरी तरफ उसकी बेवफाई और उससे बिछड़ने का दर्द भी है । लेखन की भाषा सर्वग्राही तथा शैली की दृष्टि से इसमें नवीनता है । विज्ञान के आचार्य और शोधकर्ता का हिंदी साहित्य में यह एक अनूठा प्रयोग है ।