‘अक्सियत’ में मुक्तकों, मुक्त एवं स्वतंत्र शेरों का समावेश किया गया है। इन मुक्तकों और शेरों में जिंदगी के कुछ खट्टे-मीठे अनुभवों, अच्छे-बुरे लम्हों, अधूरे-पूरे वादों और कुछ सच्ची-झूठी कसमों का ज़िक्र है। इसमें कल्पना का समावेश अपने न्यूनतम स्तर पर है और शायद इसी वजह से ये आपके दिल को आसानी से छू जाती है और आपसे जुड़ जाती है।