हम अपनी ज़िंदगी में एक ऐसे समय पर आ जाते है, जहां हम कोई भी जज़्बात शब्दों में बयां नहीं कर पाते हैं.., बस चाहते हैं हमें कोई समझे बिना हमारे कुछ कहें हमारी बातों को समझ जाया जाए..।।
हम जिनसे प्यार करते हैं वो चाहें कोई भी हो उससे हम अपनी दिल की बात नहीं कह पाते है बस अपने अंदर दबायें रह जाते है..।।
जो मैं इस क़िताब के जरिये उन सब जज्बातों को बयां की हूं..,,
जिसमें एकतरफा मोहब्बत तो दूसरी तरफ़ मां - पापा का साथ और उनका प्यार तो वहीं भाई का अनमोल रिश्ता फिर उसके बाद एक अनकही जज़्बात जो टूटे हुए लोग अपने अंदर समेटे हुए है जो किसी से कह नहीं पाते और फिर एक ऐसी मोहब्बत अपने जीवन-साथी के लिए जो हर पल का साथ हैं तो वही एक और हैं ज़िंदगी जो खुद से जुड़ी जो खुद के लिए एक कदम हैं..,,
बस इन्हीं सब जज्बातों के संगम का आधार हैं मेरी ये क़िताब जो अनकही जज़्बात हैं..!!
जो ऐसी जज़्बात जिसे हम शब्दों में कभी बयां नहीं कर पाते है बस उन्हें महसूस और समझा जा सकता हैं...।।