"अंतर्मन" यह किताब अपने मन की भावनाओं को शब्दों में व्यक्त करने का एक प्रयास है। इस किताब में लेखिका ने उसके मन में उठे सवालों को, अपने प्यार को और उस पीड़ा को व्यक्त किया जिसे महसूस तो किया जा सकता है पर बाँटा नहीं जा सकता, इसमें माता पिता के सहयोग और समर्पण को व्यक्त किया गया है।
आजकल के समय में माता पिता की रोक टोक बंधन लगती है, पर बच्चों के जीवन में आई हर बाधा का सामना करने के लिए माता-पिता पहाड़ बन बाहें फैलाए खड़े रहते हैं। कभी-कभी हम अपना दुख माता-पिता से भी नहीं बांट पाते यह सोच कर कि उन्हें तकलीफ होगी और उस समय कागज, कलम, हमारे उस दोस्त की भूमिका निभाते जिससे हम अपना दिल खोल कर के बिना सोचे समझे सही गलत हर तरह की भावनाओं को व्यक्त कर देते है।।