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Ayaan Si Kavitaayein / अयान सी कविताएँ

Author Name: Shikha Sharma | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

तुमने हंस कभी देखा है?

देखी तो होगी तस्वीर।

कितना उजला, कितना सुन्दर

कितना उसका सुगढ़ शरीर।

….

पानी दूध मिला कर रख दो

हंस नहीं धोखा खाता

पानी छोड़ दिया करता है

दूध दूध वह पी जाता।

 

बाल्यकाल में नंदन में पढ़ी ये पक्तियां आज अनायास ही स्मरण हो आई। हरिवंश राय बच्चन साहब की कलम के दीवाने हम सभी रहे है। एक अलग ही अमृत होता है उनकी कविताओं में जो कण्ठ में रुकता नहीं है, अधर में उतर जाता है। वो जो पढ़ने में सरल सा प्रतीत होता तो है, पर कहीं ना कहीं ह्रदय में, मस्तिक्ष में, व रूह में समा जाता है। 

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"अयान सी कविताएँ" ऐसी ही कुछ कविताओं का संकलन है जो मैंने समय समय पर मन के भावों की अभिव्यक्ति में लिखी हैं। ये जीवन का सार है, तो कभी कभी प्रेरणादायी भी हैं। कभी यूँही लिखी पंक्तियाँ है जो गौर से देखने पर लयबद्ध नज़र आती हैं, तो कभी सोच समझ कर ताल से हटाई गयी, नए युग की कविताएँ। 

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मान लो की तुम सही हो

मान लो की गलत था वो

मान लो कि झूठ है सब

मान लो तो सच वही है

मान लो किरदार हैं बस

मान लो तो सच कहानी

मान लो तो गंगा माँ है

ना मानो तो बहता पानी।

 

एक मानने भर से कितना कुछ सही हो जाता है ना जीवन में? कविताएँ भी तो ज़रिया मात्र ही हैं इस मानने भर का। सच को परिभाषित करती आइना ही तो हैं कविताएँ। तो चलिए साथ मिलकर मान लेते हैं की जिंदगी में सब अच्छा है। सब सही है। और यात्रा करते हैं कविताओं के साथ, उन पलों की जिनमे मैंने भी कुछ ना कुछ मान लिया था।

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शिखा शर्मा

शिखा शर्मा रयाल पेशे से बैंकर और दिल से लेखक हैं। ये पहाड़ों और भगीरथ तपोभूमि, माँ गंगा की गोद, हरिद्वार से आती हैं, और इनकी लेखनी में स्वच्छता व मासूमियत स्वतः ही झलकती है। 

“अयान सी कविताएँ” इनकी दूसरी किताब है, जो इन्होंने काल के विभिन्न खंडों में अपने हृदय व मस्तिष्क में हिंडोले खाते विचारों को लयबद्ध कर लिखी है। इन्हें सर्वाधिक खुशी की अनुभूती, अपनी लेखनी से दूसरे के चेहरों पर आई मुस्कान से मिलती है। 

शिखा ‘दि नैनीताल बैंक लिमिटेड” की ऋषिकेश शाखा में कार्यरत हैं। और नैनीताल को भी अपने शब्दों के जाल में कैद कर चुकी हैं। कविताओं के प्रति उनका प्रेम इतना अधिक है, कि ये नोटबंदी ओर मार्च क्लोजिंग के समय भी वक़्त निकाल कर कविताएँ लिख बैठती हैं।

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