ये कहानी है एक लड्के वरदान की जो मुंबई मे कुछ साल पढाई कर के नौकरी करने लगता है और अकेला ही रहता है | वरदान बहुत ही खुशमिजाज रहने वाला लडका है और जिन्दगी में कुछ हासिल करना चाहता है लेकिन एक रात के बाद सब कुछ बदल जाता है, जब उसे एक अंजान तोहफे मे एक बच्चे की तस्वीर मिलती है | तस्वीर मिलते ही उसके साथ अविश्वस्नीय घट्नायें होना शुरु हो जाती हैं और उसे एक आधे मानव और आधे जानवर से मिला जुला एक जीव दिखने लगता है, इसी के साथ उसे एक डरावनी बुडिया का साया नजर आने लगता है जो उसे चेतावनी देता है कि बस पांच दिन और वो जिन्दा रहेगा | वरदान इन्ही सब परेशानियों से बचने के लिये अपने गांव भाग जाने की कोशिश करता है लेकिन वो बुरी शक्तियों के चंगुल में फंस कर जंगल मे खो जाता है | जंगल मे उसे एक हवेली दिखती है जिसमे उसकी मुलाकात एक लडकी रेवा से होती है और उसके बाद उसका सामना होता है उस खौफनाख नर जानवर से जो उसकी जिन्दगी मे ग्रहण लगा देता है | क्या होता है आगे वरदान की जिन्दगी में, जानने के लिये पढिये सर्वेश सक्सेना द्वारा लिखित एक खौफनाक उपन्यास “ बस पांच दिन और” ....... |