राँची, झारखंड में पले-बढ़े कुमार संजय ने अंग्रेजी में बी.ए., एम.ए. और पीएच.डी. कर स्वयं को समृद्ध किया है। आपकी गिनती सॉफ्ट स्किल्स (कॅम्यूनिकेशन स्किल, स्पोकन इंग्लिश, ग्रुप डिस्कशन, पर्सनल इंटरव्यू और पर्सनाल्टी डेवलपमेंट) के श्रेष्ठ शिक्षकों में होती है। इन विषयों पर आपकी 18 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
आप झारखंड के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित अंग्रेजी शिक्षण संस्थान ‘स्पेनिन’ के संस्थापक और निदेशक हैं। हर वर्ष 800 से 1000 स्टूडेंट अपना सॉफ्ट स्किल्स इम्प्रूव करने के लिए ‘स्पेनिन’ ज्वायन करते हैं और सीखकर ज़िंदगी में ऊँचा मुकाम हासिल करते हैं। आप सॉफ्ट स्किल्स एक्सपर्ट के रूप में उच्च सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा अक्सर आमंत्रित किए जाते हैं।
इंग्लिश के व्याख्याता होने के साथ.साथ डॉ कुमार संजय हिंदी पर भी अद्भुत पकड़ रखते हैं।
डॉ. कुमार संजय नाटक लेखन के एक सशक्त हस्ताक्षर हैं। आप हिंदी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में नाटक लिखते हैं। अबतक आप सौ से ज्यादा नाटक लिख चुके हैं, ५० शार्ट फिल्में बना चुके हैं।
आप हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में नाटक लिखते हैं। अबतक आप सौ से ज्यादा नाटक लिख चुके हैं। आपकी 27 नाट्य पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। 2011 में आपको मोहन राकेश सम्मान से विभूषित करते हुए साहित्य कला परिषद नई दिल्ली ने टिप्पणी की थी - ‘कुमार संजय एक ऐसे रचनाकार हैं जिन्होंने भाषा की व्यंजना को अपनी रचना में महत्व दिया है। व्यंग्यात्मक, चुटीली, रसीली भाषा दर्शक से सीधा संवाद करने में कहीं अधिक कारगर होती है। पहली नजर में उनके विषय हल्के लग सकते हैं पर धीरे-धीरे उनकी परतें खुलती हैं तो बड़ी ही सरल, व्यंग्यात्मक भाषा में एक गंभीर विषय दर्शकों के सामने होता है। यही कुमार संजय की रचनात्मक विशिष्टता है।’