बिहार से बर्कले
एक विद्यार्थी (खुद लेखक )की कहानी है जिसने अमेरिका जाकर पढाई करने का सपना देखा सन १९४२ में जब देश आज़ादी की लड़ाई लड़ रहा था। जयप्रकाश नारायण से प्रभावित होकर लेखक ने भी जे पी की तरह ही स्वाबलंबी बन कर अमेरिका में पढाई करने की ठानी। पारिवारिक विरोध और आर्थिक समस्याओं के बावजूद वह अमेरिका गए बर्कले, कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय से एम् ऐ और एम् जे डिग्री ली। ६ साल से ज्यादा अमेरिका में विद्यार्थीं जीवन का संघर्ष, समाजवाद और साम्राज्यवाद पर अमेरिका और भारत का नजरिया, अमेरिका की जीवन शैली और वहां के कुछ मुख्य मुख्य जगहों की एक झलक आप पढ़ेंगे इस किताब में।