हमारा देश ऐसा देश है जहां नदियों की भी पूजा की जाती है और उन्हें देवियों का दर्जा दिया जाता है। लेकिन आज देश में नदियों की जो दयनीय हालत है वो चिंता का विषय है। पानी जैसे विषय पर तो जितना लिखा और कहा जाए उतना कम है क्योंकि पानी ही जीवन का आधार है।
इसीलिए "बिन पानी सब सून" संकलन में मैंने और मेरे सह लेखकों ने एक छोटी सी कोशिश की है पानी की तरफ सबका ध्यान खींचने की। आज के समय में जिस तरह से पानी का ह्रास हो रहा है और उसे दूषित किया जा रहा है वो चिंता का एक गंभीर विषय है।
इस संकलन में हमारे लेखकों और लेखिकाओं ने पानी को आधार बनाकर जो रचनाएं पाठकों के सम्मुख रखी हैं उन्हें पढ़कर सभी का ध्यान इस तरफ़ ज़रूर जायेगा ऐसी हमें आशा है।
धन्यवाद।