प्रस्तुत किताब "चल क़लम" में लेखक ने कहानी व कविताओं के माध्यम से जीवन के हर पहलू पर व हाल में ही कोरोना महामारी के दौरान कविता के माध्यम से कोरोना पर भी प्रकाश ड़ालने की कोशिश की है। इस पुस्तक का नाम चल क़लम इसलिए रखा है कि अपनी क़लम को चलाते हुए क़लम के माध्यम से अपने भाव को आमजनों तक पहुंचाने का बेहतरीन तरीका है। समस्त प्रकाशक एवं संपादक मंडल द्वारा इस पुस्तक को त्रुटिरहित बनाए रखने का पूरा प्रयास किया गया है।