अनिल श्रीवास्तव की यह एकल काव्य संग्रह “ कोरोना, जिंदगी और मौत “ कोरोना महामारी से प्रताड़ित जिंदगी और उसके उपरांत कोरोना के दंश से संघर्षरत जिंदगी में व्याप्त व्यथा का मार्मिक वर्णन करती है।
अनिल श्रीवास्तव अपने कार्य से एक पेशेवर मेंटेनेंस मैनेजर हैं और दिल से कवि हैं। अनिल का जन्म स्थान प्रयागराज है। प्रयागराज उत्तर प्रदेश राज्य का एक पौराणिक महत्व का शहर है। इनके पिता का नाम स्वर्गीय राम बहादुर श्रीवास्तव और माता का नाम स्वर्गीय सावित्री श्रीवास्तव है।
अनिल नें अब तक १००० से ज्यादा कविताए और ज्वलंत विषयों पर लेख लिखा है। फेसबुक पर अनिल नें स्वयं का पेज “मेरी रचनाएँ-अनिल श्रीवास्तव की कलम से” @SARDPRG निर्मित किया है, इस पेज पर अनिल नियमित रूप से अपनी स्वरचित कविताए प्रेषित करते रहते हैं। अनिल अब तक २५ से ज्यादा काव्य संकलनों में अपनी कविताए लिख चुके हैं और ये सब प्रकाशित हो चुकी हैं। इनका लिखा काव्य संग्रह “ दिल-ए-जज़्बात अनिल की कलम से” १८ जनवरी २०२२ को LOST PEARL PUBLICATION द्वारा प्रकाशित किया जा चुका है।
अनिल श्रीवास्तव की यह एकल काव्य संग्रह “ कोरोना, जिंदगी और मौत “ कोरोना महामारी से प्रताड़ित जिंदगी और उसके उपरांत कोरोना के दंश से लोगो की संघर्षरत जिंदगी में व्याप्त व्यथा का मार्मिक वर्णन करती है।
अनिल श्रीवास्तव नें इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक किया है और नासिक, महाराष्ट्र में लिमिटेड कंपनी मे मेंटेनेंस मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं।