भूमिका बाँधने का चलन है किताब के पहले पन्नों पर। क्या कहूँ। बस इतना ही की मैंने ख़ुद को उड़ेल दिया है कौरे सफ़्हों पर। बिना लाग – लपेट। पसंद आई मैं तो जी लूँगी आपके ख़्यालों में कुछ दिन, नहीं आई तो भूल जाओगे मुझे, कुछ जल्दी ही, बस…
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Dhuan Dhuan Zindagani / धुआँ धुआँ ज़िंदगानी
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मनजीत राजबीर
मनजीत राजबीर, गुरुग्राम, हरियाणा से है। पढ़ने और लिखने का शौक रखने वाली मनजीत राजबीर ने कैन्सर के लौटने के ख़ौफ़ परअपनी जीत दर्ज़ करा, फिर से क़लम पकड़ी है। अब वह क़लम जीवन से जुड़े तमाम अहसासों को शब्दों में पिरो कर, अनवरत उत्कृष्टरचनाओं को जन्म दे रही है।
मनजीत राजबीर, एक सफल लेखिका हैं और एक जानी मानी कावयित्री। इनके कार्य को साहित्य जगत में बहुत प्यार और मान मिला।इनको पढ़ना एक उपहार समान है। इनकी लेखनी ज़्यादा तर शिव से वार्तालाप के रूप में मन को छू जाती है
लDreamTalks Shayari & Hindi English Poetry उनका एक मंच है (फेसबुक व यूट्यूब चैनल पर ) जहाँ लेखकों और कवियोंको अपनी प्रतिभा पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का अवसर मिलता है।