मेरा नाम डॉ वंदना खण्डूडी है। मैं देहरादून, उत्तराखंड से हूँ। मुझे कविताएं तथा लघु कथाएं लिखना पसंद है। मैंने अपने कंपोजिशन के माध्यम से समाज के विषय में लिखने का प्रयास किया है, साथ ही मैं अपनी कविताओं में मन के एहसास और भावों को लिखने का प्रयास करती हूँ। मैंने अपनी पुस्तक किताब- दिल के एहसास में अपने भावों को रखने की कोशिश की है। इस किताब में शुरुआत मैंने अपनी अपनी माँ की ममता से शुरू की है, इसके बाद यह बताने का प्रयास किया है कि हमारे जीवन में तजुर्बों का क्या महत्व है। जैसा की आज देखा जा रहा है कि घर गलियारों में अगर छोटी सी चिड़िया आ जाए तो हमें कितना अच्छा लगता है क्योंकि वर्तमान स्थिति में हमें चिड़ियों का चहचहाना नहीं सुनाई देता, इसी के साथ और भी कविताएं जैसे प्यार में तकरार, रूस और युक्रेन का युद्ध, अपनापन, प्रकृति के विषय में, अपने देश से संबंधित कविताएं आदि भावों को लिखने का प्रयास किया है।