"द्रौपदी के कड़वे मीठे - भाग 2" मेरा द्वितीय आलेख संग्रह है। इसमें 'खण्ड-अ' और 'खण्ड-ब' दो खंड हैं। 'खण्ड-अ' में हिंदी में लिखे गए लेख हैं और 'खण्ड-ब' में छत्तीसगढ़ी में लिखे गए लेख हैं। पुस्तक के अंत में कुछ छत्तीसगढ़ी शब्दों के हिंदी मायने दिए गए हैं।
मैंने अपने जीवन में अपने आसपास जो भी देखा, अनुभव किया और जो मेरे विचार हैं, उन्हें मैंने लेख के रूप में व्यक्त किया है। ये सिर्फ लेख नहीं हैं, बल्कि संवाद हैं। कागज़ - कलम से! स्वयं से! और आप पाठकों से! इन लेखों में वास्तविकता है, जो आपको विचार करने के लिए प्रेरित करेंगी, कुछ आपसे प्रश्न करेंगी, तो कुछ बीते दिनों की याद दिलाएँगी।
मैंने अपने अनुभव, चिंतन और संस्मृतियों को बिना किसी लाग-लपेट के, साहित्यिक विधा या मानकों की परवाह किए बिना अभिव्यक्ति देने की कोशिश की है। उम्मीद करती हूँ कि एक अच्छे पाठक बनकर आप इन लेखों को पढ़ेंगे और विचार करेंगे।