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Evergreen Ghazals of Jagjit Singh / जगजीत सिंह की सदाबहार ग़ज़लें

Author Name: Mihir Jagruti Vora | Format: Paperback | Genre : Others | Other Details

जगजीत सिंह का नाम आते ही कई ग़ज़लें बरबस ही याद आ जाती हैं इसलिए 
उन्हें 'ग़ज़ल-सम्राट' कहा जाता है, उनकी दी हुई आवाज़ के कारण कई ग़ज़लें 
आज ज़हन में गूंजती रहती हैं। पेश हैं कुछ ऐसी ही ग़ज़ल जिनकी स्मृति होने 
पर ग़ज़लकार तो याद आते ही हैं लेकिन जगजीत भी स्मरण हो आते हैं।
           
             
            
                 

         
                 
 

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मिहिर जागृती वोरा

मैं 22 वर्षों से एक भौतिक विज्ञान शिक्षक के रूप में काम कर रहा हूं और कच्छ मित्र, कच्छ प्रहरी, आजकल, गुजरात समाचार, संदेश, कच्छ श्रुति, कच्छ रचना, कच्छ अर्पण, कच्छ गुर्जरी, विवेकग्राम, मंगल जैसे अखबारों में लगभग 1500 गुजराती लेख लिख चुका हूं। मंदिर, स्वर, ऑफ साइंस, विज्ञान चेतना, साद, साहित्य सौरभ जीवन शिक्षण, संप्रत शिक्षण, ओजस, ई विद्या नगर, साहित्य मंथन आदि पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखक के रूप में प्रकाशित हुए हैं।

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