कहानी १: अब रघुवंश के पास दूसरों के मन को वश में करने की शक्ति थी। लेकिन वह परले दर्जे का अव्यवहारिक लड़का था। क्या उसे अपना प्यार वापस मिल पाएगा?
कहानी 2: एक आदर्श महिला का पति और छोटी जुड़वां बहनों का पिता अमित इस बात से बेखबर था कि वह अदृश्य प्राणियों रक्षक और भक्षक के प्रभाव में था। अनजाने में अमित ने भक्षक को चुन लिया और पाप के रास्ते पर चल पड़ा। उसने धन और शक्ति प्राप्त की लेकिन बाकी सब कुछ खो दिया। क्या रक्षक उसे वापस ला पाएगा?
सात और कहानियाँ...
मैंने यह किताब कभी लिखी ही नहीं। हाँ, मैंने कुछ कहानियाँ जरूर लिखी थीं, फिल्मों के लिए। मगर कुछ वजहों से ये कहानियाँ कुँवारी और अछूति ही रह गयीं। हालांकि ये कहानियाँ अब भी मुझे कुछ हटकर लगती हैं। ये कहानियाँ महज़ कल्पनाओं के चंद टुकड़े नहीं हैं, बल्कि अंतर्मन की चीखें और पुकार भी हैं। इन्हें पढ़ते वक़्त आपको मज़ा बेशक आएगा। और हो सकता है की ये आपके सुर के साथ सुर मिला लें, आपके इनर वायस के साथ दोस्ती कर लें। यह मेरी दिली तमन्ना भी है।
अनुराग एस पाण्डेय लेखक, कवि, गीतकार और कंप्यूटर प्रोग्रामर हैं। इनकी कविताएँ भारत के राष्ट्रीय समाचार पत्र-पत्रिकाओं जैसे नवभारत टाइम्स, कादम्बिनी आदि में प्रकाशित हुई हैं। इन्होंने लेडी इंस्पेक्टर, शाका लाका बूम बूम, आदि विभिन्न टीवी शोज तथा इंडोनेशियाई टीवी के लिए (कहानी / संवाद / पटकथा) लेखन कार्य किया है। वर्तमान में ये भारत के भुवनेश्वर शहर में रहते हैं। ध्यान, योग, रहस्य, अलौकिक गतिविधियां, प्रेम, संबंध इनके लिखने-पढ़ने के कुछ पसंदीदा विषय हैं।
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