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Ghoonghat Se Bikni Tak Ka Safar / 'घूंघट' से 'बिकिनी' तक का सफर

Author Name: Ravishankar Pushkar Lal Kangda | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

पुस्तक के बारे में
      'घूंघट' से 'बिकनी'  तक का सफर में, मैंने प्रिया सिंह के माध्यम से यह स्पष्ट करने की भरपूर कोशिश की है कि ,
  नारी कैसी शान है तेरी,
  हर तस्वीर महान है तेरी|
    घूंघट से बिकिनी तक का सफर -कविता संग्रह" पुस्तक राजस्थान तथा भारत के विभिन्न राज्यों के पाठकों के बीच प्रस्तुत करते हुए, मुझे बड़ा हर्ष हो रहा है| एक कवि तथा लेखक के रूप में भारतीय समाज की एक महिला प्रिया सिंह के संदर्भ में घूंघट से बिकिनी तक के सफर- कविता संग्रह में मेरी की स्वतंत्र अभिव्यक्तियों का एक संकलन है, भारतीय समाज की महिलाओं के प्रति श्रद्धा तथा आस्था को,  कविताओं के माध्यम से पाठकों की संवेदनाओं को जागृत करने का एक प्रयास है, जिससे हम सभी  भारतीय समाज की महिलाओं के प्रति आस्था को बनाए रखने की दिशा में सार्थक प्रयास कर सकें एवं एक साहित्यिक सेवक और संवेदनशील लेखक होने के उत्तरदायित्व का निर्वहन कर सकें। समस्त प्रकाशक एवं संपादक मंडल द्वारा इस पुस्तक को त्रुटिरहित बनाए रखने का पूरा प्रयास किया गया है। आशा है रचनाकार की सभी रचना पाठकों को पसंद आएगी।

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रविशंकर पुष्कर लाल कांगड़ा

कवि के बारे में

रविशंकर जी राजस्थान प्रदेश के जिला झुंझुनू के अंदर चिड़ावा नामक कस्बे में, बाल्मीकि बस्ती में, इनका जन्म हुआ| लेखक महोदय ने बीए तक की शिक्षा चिड़ावा जिला झुंझुनू से प्राप्त की है| इसके  बाद स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान विभाग राजस्थान विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण किया है|लेखक तथा कवि की रचनाएं करीब करीब सभी क्षेत्रों में पाई जाती है ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जो इनकी कलम से वंचित रहा हो|

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