यह पुस्तक गीतावली सुन्दर गीतों और कविताओं का संकलन है जिसे मैंने जीवन के भिन्न-भिन्न पड़ावों पर रचा है। माता- पिताजी को समर्पित इस पुस्तक का श्रीगणेश माँ शारदा एवं परम ब्रह्म परमेश्वर की प्रार्थना से हुई है। ये प्रार्थनाएं विद्यालय के आरंभिक दिनों में हम सब द्वारा गाई जाती रही हैं। ये वन्दनाएं क्रमशः मुझे भ्राताश्री एवं गुरुवर नीतीशानन्द जी और अवधेशानन्द गुरुवर जी से प्राप्त हुई हैं। मैं उनका सदैव आभारी रहूंगा।
प्रथम कविता " बारिश आई " है जो बालमन के लिए है। इसे लिखने में मेरी अनुजा नेहा मनन्दा का अमूल्य सहयोग मिला है। इसके पश्चात् किशोरावस्था में रचित कविताएं हैं। ये मनमोहक कविताएं छन्दबद्ध और तुकांत हैं। मैंने सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय स्वयंमेव छंदों की सर्जना की है। पढ़ने और सुनने में सरस, सुगम, रमणीय एवं मनोहारी ये कविताएं मस्तिष्क व हृदय को आह्लादित करती हैं।