यह पुस्तक, गोल्डन-एजर्स: स्टेइंग कनेक्टेड टू लव्ड वन्स एंड मेकिंग न्यू फ्रेंड्स, झंकृत करती है कि गोल्डन-एजर्स को अपने प्रियजनों के साथ रिश्ते बनाए रखने चाहिए और अपने बाद के वर्षों में खुश रहने के लिए नए दोस्त बनाने चाहिए। बाद के जीवन में अर्थ और उद्देश्य खोजने के अलावा, यह उन लोगों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों पर भी चर्चा करती है जो गोल्डन एजर्स की भलाई के लिए जिम्मेदार हैं, जिन्हें अक्सर न केवल उनके अपने परिवारों द्वारा बल्कि बड़े पैमाने पर समाज और इस उद्देश्य के लिए स्थापित संगठन द्वारा भी नजरअंदाज कर दिया जाता है।
इन गोल्डन एजर्स ने युवावस्था में ही अपना सब कुछ दे दिया। उन्हें आस-पास के लोगों की सहायता की आवश्यकता होती है क्योंकि वे बूढ़े हो रहे हैं और अपने रोजमर्रा के काम खुद पूरा करने में असमर्थ हैं। आज के भौतिकवादी युग में प्रत्येक व्यक्ति अपने छोटे परिवार तक ही सीमित है, जिसमें उसकी पत्नी और उसके अपने बेटे-बेटियाँ शामिल हैं। उनके बुजुर्ग माता-पिता को उनके भाग्य पर छोड़ दिया गया है क्योंकि उनके लिए कोई जगह नहीं बची है, जो अच्छा नहीं है। उनकी देखभाल करना उनके परिवार, दोस्तों, समुदाय, चिकित्सा समुदाय और उस उद्देश्य से स्थापित संगठनों/मंत्रालयों की जिम्मेदारी है। यह पुस्तकव रिष्ठ नागरिकों की देखभाल में शामिल सभी लोगों के लिए एक सुविधाजनक संसाधन के रूप में काम करेगी।