" गुमनामी मेरी अपनी दुनिया"यह सिर्फ कुछ कविताओं कुछ कल्पना हो या कुछ कहानियों का ही संग्रह नहीं बल्कि मेरे जज्बातों का संग्रह है मेरी भावनाओं का संग्रह है इसमें मैंने अपने दिल के सभी जज्बातों को लिखा है और कोशिश की है कि लोगों तक भी मेरा दर्द पहुंचे दर्द हमेशा वह नहीं होता जो हमें बाहर से दिखाई देता है कुछ दर्द हमारे सीने में भी दफन होता है और एक लेखक हमेशा खुशी के दर्द को लिखे यह जरूरी नहीं एक लेखक लिखता है उस दर्द को जो उसने लोगों की नजरों में देखा है एक लेखक लिखता है उन जज्बातों को जो उसने अपने भीतर कहीं समाया है एक लेखक लिखता है उन जख्मों को जो उसने सहा तो नहीं मगर महसूस किया है कुछ कविताओं कुछ कहानियां कुछ ग़ज़लें और कुछ मेरी कल्पना ओं के जरिए मैंने अपने कुछ जज्बातों को अपने कुछ अनुभवों को अपने कुछ सीख जो मुझे दुनियादारी से मिली है अपने शब्दों में समेटा है और मैं आशा करती हूं कि लोगों को यह मेरी कोशिश पसंद आएगी इस संग्रह में मैंने अपनी कुछ मेहनत अपनी कुछ चाहत अपने कुछ ख्वाहिशें अपने कुछ सपने और अपने कुछ अधूरे पन को लिखा है मुझे उम्मीद है कि लोग इसे पढ़ने के बाद मेरी भावनाओं को समझेंगे