What this hello Me book is all about?
ज़िंदगी में ऐसी कई चीजें, लोग, जगहें और लम्हे हैं, जिनसे हम बेहद प्यार करते हैं । पर अफ़सोस कि इस रोज़मर्रा की आपा-धापी में हम एक अहम चीज़ भूल जाते हैं – और वो है खुद से बेशुमार प्यार करना ।
ज़िंदगी के किसी हसीन लम्हे में हम ये खुशी-खुशी तय तो कर लेते हैं कि हाँ, आज से, बल्कि अभी से, हम खुद से इश्क़ लडाना शुरू कर देंगे । पर शायद थोड़े ही दिनों में ये जज़्बा दम तोड़ देता है ।
तो इस खुद से रु-ब-रु होने की राह पर हमें कुछ ऐसे ज़रिए चाहिए, जो समय-समय पर हमारे इस जज़्बे में जान डालते रहें ।
ये किताब एक छोटा सा ज़रिया है – आपका अपनी रूह से राब्ता बरक़रार रख पाने का ।
और शायद इसे रोज़ सुनने की ज़रूरत भी नहीं । मगर हाँ, ज़िंदगी के किसी पड़ाव पर, जब आपको लगे कि चुनौतियाँ, डर, झिझक, लोगों की अपेक्षाएँ, खुद ही पर खींची लक्ष्मण रेखाएँ – आपका बेसब्री से इंतज़ार कर रही हैं – तो उम्मीद के साथ एक यक़ीन भी है कि ये किताब आपको 250 ग्राम self-love और स्वादानुसार हिम्मत एवं हौसला जुटाने में एक सहारा ज़रूर बन पाएगी ।
आपको रूहानी नाच और उसकी ऊँची उड़ान की न सिर्फ़ शुभकामनाएँ, बल्कि advance बधाइयाँ भी !
In full faith, so be it
- Swati Gandhi
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